सैकड़ों की तादाद में अनुत्तीर्ण बीटीसी प्रशिक्षुओं के अंक सुधारने की सिफारिश

हाईस्कूल-इंटर के कुछ परीक्षार्थी गुपचुप तरीके से शैक्षिक रिकॉर्ड बदला पाते हैं, लेकिन बीटीसी के प्रशिक्षु यही काम खुलेआम कर रहे हैं। जिन पर इस हेराफेरी को रोकने का जिम्मा है, वही (डायट प्राचार्य) इनके मददगार
बने हैं।
इसीलिए सैकड़ों की तादाद में उन प्रशिक्षुओं के अंक सुधारने की सिफारिश की गई है, जो परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए थे या फिर उनका ग्रेड कुछ अंकों से नीचे चला गया था। ऐसे डायट प्राचार्य, लिपिक एवं लाभ पाने वाले प्रशिक्षुओं पर कार्रवाई की मांग हो रही है।
 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट और निजी कालेजों में हजारों अभ्यर्थियों को बीटीसी प्रशिक्षण के लिए दाखिला मिलता है। अमूमन प्रशिक्षुओं को नियमित प्रशिक्षण दिए जाने के कड़े निर्देश हैं, लेकिन इधर डायट व निजी कालेजों का माहौल तेजी से बदला है, वहां पढ़ाई के अलावा सब कुछ हो रहा है। इसी बीच बीटीसी का पाठ्यक्रम भी बदला है और बिना नियमित पढ़ाई किए उत्तीर्ण होने की गुंजायश नहीं है। इसी माह बीटीसी 2013 के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ बैच का परिणाम आया है। इसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं या फिर उनका परिणाम अपूर्ण है। तमाम प्रशिक्षु भले ही उत्तीर्ण हुए हैं, लेकिन उन्हें वाजिब अंक न मिलने से ग्रेड गड़बड़ा गया है।

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