इलाहाबाद योगी आदित्यनाथ की सरकार में माध्यमिक शिक्षा
के स्तर में सुधार और सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए
अनूठे कदम उठाए जाएंगे।
अब इन स्कूलों के क्लास रूम में शिक्षकों के लिए कुर्सी नहीं होगी। शिक्षकों को अब खड़े होकर ही पढ़ाना होगा और पूरी क्लास में घूमकर एक-एक बच्चे पर नजर रखनी होगी।
इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) आर एन विश्वकर्मा ने बताया कि, बीमार या किसी कारण से अशक्त शिक्षकों के लिए ही कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए शिक्षक को स्कूल के प्रिंसिपल को बताना होगा और चपरासी उसके लिए कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था इलाहाबाद के स्कूलों में जल्द लागू होगी।
इसके साथ ही शिक्षकों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य की जाएगी। शिक्षकों को आने और जाने के समस बायोमीट्रिक अटेंडेंस देनी होगी। बायोमीट्रिक मशीनों की खरीददारी स्कूलों को हर हाल में 15 जुलाई तक करनी होगी। इसके लिए फंड की व्यवस्था स्कूल से ही की जाएगी। जिले में 214 सरकारी और एडेड स्कूलों में यह व्यवस्था नए सत्र से लागू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि, इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने और शिक्षकों को मोटिवेट करने के लिए कई स्तर पर कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके लिए अधिकारी स्कूलों का लगातार विजिट करेंगे। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए भी उपाय किए जाएंगे। इसके साथ ही बीस प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति दी जाएगी।
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अब इन स्कूलों के क्लास रूम में शिक्षकों के लिए कुर्सी नहीं होगी। शिक्षकों को अब खड़े होकर ही पढ़ाना होगा और पूरी क्लास में घूमकर एक-एक बच्चे पर नजर रखनी होगी।
इलाहाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) आर एन विश्वकर्मा ने बताया कि, बीमार या किसी कारण से अशक्त शिक्षकों के लिए ही कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए शिक्षक को स्कूल के प्रिंसिपल को बताना होगा और चपरासी उसके लिए कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था इलाहाबाद के स्कूलों में जल्द लागू होगी।
इसके साथ ही शिक्षकों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य की जाएगी। शिक्षकों को आने और जाने के समस बायोमीट्रिक अटेंडेंस देनी होगी। बायोमीट्रिक मशीनों की खरीददारी स्कूलों को हर हाल में 15 जुलाई तक करनी होगी। इसके लिए फंड की व्यवस्था स्कूल से ही की जाएगी। जिले में 214 सरकारी और एडेड स्कूलों में यह व्यवस्था नए सत्र से लागू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि, इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने और शिक्षकों को मोटिवेट करने के लिए कई स्तर पर कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके लिए अधिकारी स्कूलों का लगातार विजिट करेंगे। इन स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए भी उपाय किए जाएंगे। इसके साथ ही बीस प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति दी जाएगी।
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