मेरठ : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्कूलों से नदारद शिक्षामित्रों के कारण शहर के कई स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए। गुरुवार को केवल शहर के ही 12 स्कूलों में बच्चे तो पहुंचे, लेकिन वहां कोई शिक्षक
उपस्थित नहीं हुआ।
स्कूल संचालन के लिए आनन-फानन में एक-एक शिक्षकों को उन विद्यालयों में तैनात कर शिक्षण कार्य चलाने की व्यवस्था की गई। यह स्थिति पूरे जिले में बनी हुई है। शिक्षामित्र से समायोजित होकर सहायक शिक्षक बने सभी लोगों ने आदेश के बाद ही स्कूल जाना बंद कर दिया है और प्रदेश सरकार की ओर से कोई कदम न उठाए जाने तक शिक्षण कार्य बहिष्कार करने पर अड़े हैं।
सैकड़ों स्कूलों में केवल एक शिक्षक : जिले के 910 प्राइमरी स्कूलों में 905 ऐसे सहायक शिक्षक हैं जो 2014 व 2015 में शिक्षामित्र से समायोजित किए गए थे। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां एक-एक शिक्षामित्र थे और कई स्कूलों में कार्यरत दो सहायक शिक्षक ही शिक्षामित्र रहे हैं। ऐसे में सभी द्वारा शिक्षण कार्य का बहिष्कार करने से जिले में कई स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंचे तो सैकड़ों स्कूल एक शिक्षक के भरोसे ही चले। साथ ही वर्तमान में जिले में 62 लोग शिक्षामित्र के तौर पर ही स्कूलों में कार्यरत हैं। उनके भी इस विरोध में शामिल होने से स्थिति और खराब हो सकती है।
बिगड़ी समायोजन की स्थिति : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पिछले कुछ दिनों से शिक्षकों के समायोजन का गणित सुलझाने की कोशिश की जा रही है। जिले में प्राइमरी स्कूलों से 579 शिक्षक सरप्लस सूची में शामिल हैं, जबकि अब 905 सहायक शिक्षक और 62 शिक्षामित्रों के बाहर होने से शिक्षकों की कमी होगी। वहीं, जूनियर स्कूलों में पहले ही शिक्षकों की कमी है।
इन स्कूलों में भेजे गए शिक्षक : गुरुवार को नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सराय लालदास, बनीसराय, मकबरा-2 कासमपुर, कंपोजिट-3 बराल परतापुर, काजीपुर-1, काजीपुर-2, खंदक मलियाना, लिसाड़ी, मंडी केसरगंज, नई बस्ती, ठठेरवाड़ा और पूर्वा महावीर के विद्यालयों में अन्य विद्यालयों से शिक्षक भेजे गए।
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उपस्थित नहीं हुआ।
स्कूल संचालन के लिए आनन-फानन में एक-एक शिक्षकों को उन विद्यालयों में तैनात कर शिक्षण कार्य चलाने की व्यवस्था की गई। यह स्थिति पूरे जिले में बनी हुई है। शिक्षामित्र से समायोजित होकर सहायक शिक्षक बने सभी लोगों ने आदेश के बाद ही स्कूल जाना बंद कर दिया है और प्रदेश सरकार की ओर से कोई कदम न उठाए जाने तक शिक्षण कार्य बहिष्कार करने पर अड़े हैं।
सैकड़ों स्कूलों में केवल एक शिक्षक : जिले के 910 प्राइमरी स्कूलों में 905 ऐसे सहायक शिक्षक हैं जो 2014 व 2015 में शिक्षामित्र से समायोजित किए गए थे। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां एक-एक शिक्षामित्र थे और कई स्कूलों में कार्यरत दो सहायक शिक्षक ही शिक्षामित्र रहे हैं। ऐसे में सभी द्वारा शिक्षण कार्य का बहिष्कार करने से जिले में कई स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंचे तो सैकड़ों स्कूल एक शिक्षक के भरोसे ही चले। साथ ही वर्तमान में जिले में 62 लोग शिक्षामित्र के तौर पर ही स्कूलों में कार्यरत हैं। उनके भी इस विरोध में शामिल होने से स्थिति और खराब हो सकती है।
बिगड़ी समायोजन की स्थिति : बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पिछले कुछ दिनों से शिक्षकों के समायोजन का गणित सुलझाने की कोशिश की जा रही है। जिले में प्राइमरी स्कूलों से 579 शिक्षक सरप्लस सूची में शामिल हैं, जबकि अब 905 सहायक शिक्षक और 62 शिक्षामित्रों के बाहर होने से शिक्षकों की कमी होगी। वहीं, जूनियर स्कूलों में पहले ही शिक्षकों की कमी है।
इन स्कूलों में भेजे गए शिक्षक : गुरुवार को नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सराय लालदास, बनीसराय, मकबरा-2 कासमपुर, कंपोजिट-3 बराल परतापुर, काजीपुर-1, काजीपुर-2, खंदक मलियाना, लिसाड़ी, मंडी केसरगंज, नई बस्ती, ठठेरवाड़ा और पूर्वा महावीर के विद्यालयों में अन्य विद्यालयों से शिक्षक भेजे गए।
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