एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ: विधान परिषद में समाजवादी पार्टी ने शिक्षक भर्तियां रोकने पर सरकार को घेरा। सपा ने आरोप लगाया कि 90 दिन में लाखों भर्ती का वादा किया था लेकिन एक भी नौकरी नहीं दी।
ये नौकरी देने वाली नहीं, बल्कि नौकरी रोकने वाली सरकार है। इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा ने सदन से वॉक आउट किया।
सपा ने शून्य काल में मुद्दा उठाया कि प्राइमरी स्कूलों में 12,460 शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसलिंग पूरी हो गई है। इसी तरह 4000 उर्दू मुअल्लिम शिक्षकों का समायोजन चल रहा था। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में कोई जांच भी नहीं चल रही और न कोई शिकायत है। फिर भी सरकार ने रोक दी। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि समाजवादी सरकार ने भर्तियां की थीं, इसलिए दुर्भावना के कारण रोकी जा रही हैं। शिक्षा मित्रों के मामले में भी हम अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार को उसे अच्छी नीयत से देखना पड़ेगा। हमारी सरकार ने उनके लिए काफी प्रयास किए थे। हम तो जब भी सरकार में आए हैं रोजगार देंगे। इस समय नौकरी लेने वाली सरकार आ गई है। निर्दल समूह के चेत नारायण सिंह और कांति सिंह ने भी 12,460 शिक्षकों की भर्ती रोके जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों की कोई जांच नहीं चल रही। त्रुटिवश अन्य भर्तियों के साथ इन पर भी रोक लगा दी गई है। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि आपके समय में 90 फीसदी भर्तियों पर कोर्ट ने रोका। आपने जानबूझकर नियमों का पालन किए बगैर भर्तियां कीं।
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ये नौकरी देने वाली नहीं, बल्कि नौकरी रोकने वाली सरकार है। इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा ने सदन से वॉक आउट किया।
सपा ने शून्य काल में मुद्दा उठाया कि प्राइमरी स्कूलों में 12,460 शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसलिंग पूरी हो गई है। इसी तरह 4000 उर्दू मुअल्लिम शिक्षकों का समायोजन चल रहा था। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में कोई जांच भी नहीं चल रही और न कोई शिकायत है। फिर भी सरकार ने रोक दी। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि समाजवादी सरकार ने भर्तियां की थीं, इसलिए दुर्भावना के कारण रोकी जा रही हैं। शिक्षा मित्रों के मामले में भी हम अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार को उसे अच्छी नीयत से देखना पड़ेगा। हमारी सरकार ने उनके लिए काफी प्रयास किए थे। हम तो जब भी सरकार में आए हैं रोजगार देंगे। इस समय नौकरी लेने वाली सरकार आ गई है। निर्दल समूह के चेत नारायण सिंह और कांति सिंह ने भी 12,460 शिक्षकों की भर्ती रोके जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों की कोई जांच नहीं चल रही। त्रुटिवश अन्य भर्तियों के साथ इन पर भी रोक लगा दी गई है। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि आपके समय में 90 फीसदी भर्तियों पर कोर्ट ने रोका। आपने जानबूझकर नियमों का पालन किए बगैर भर्तियां कीं।
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