शिक्षा मित्रो के साथ अखिलेश आये , जो अखिलेश शिक्षा मित्रों का केस इलाहबाद हाई कोर्ट में हारे वो BJP पर सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रो के लिए कमजोर पैरवी का आरोप लगा रहे ,जबकि शिक्षा मित्रो का ये हाल उन्ही की नीति से हुआ और प्रदेश के लाखों बेरोजगार आपसी लड़ाई व बरबादी के मुहाने पर पहुंचे
*शिक्षामित्रों के समर्थन में आए पूर्व सीएम अखिलेश, योगी सरकार पर उठाए सवाल*
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ
Updated Fri, 28 Jul 2017 12:33 AM IST
शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल बृहस्पतिवार को उनके पक्ष में खड़े हो गए। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में भाजपा सरकार की लचर पैरवी के कारण शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हुआ है।
उन्होंने राज्य सरकार से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और सदमें में हार्ट अटैक से मरने वाली शिक्षिका व शिक्षा मित्रों के परिवार को 50-50 लाख रुपये की मदद देने की मांग की है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन कर उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का अवसर दिया था, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही शिक्षामित्रों के उत्पीड़न की कार्रवाई शुरू हो गई है।
*लाखों के सामने पैदा हो गया रोजी-रोटी का संकट*
अखिलेश ने कहा, सहायक शिक्षकों के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने से लाखों परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
इस अवसाद में एक महिला शिक्षिका की हार्ट अटैक से और एक अन्य शिक्षामित्र की जहर खाने से मौत हो गई है, लेकिन भाजपा सरकार की संवेदनहीनता के चलते आज गोरखपुर-समेत कई जिलों में पुलिस ने अहिंसात्मक प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया।
*घोषणा पत्र को याद करे भाजपा : रालोद*
रालोद के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे ने कहा है कि भाजपा सरकार अपने घोषणा पत्र को याद करते हुए उनके लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया था, लेकिन वहां की सरकार ने दरियादिली दिखाते हए उन्हें गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित करने का फैसला लिया। उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार को भी कार्रवाई करनी चाहिए।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
*शिक्षामित्रों के समर्थन में आए पूर्व सीएम अखिलेश, योगी सरकार पर उठाए सवाल*
ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ
Updated Fri, 28 Jul 2017 12:33 AM IST
शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल बृहस्पतिवार को उनके पक्ष में खड़े हो गए। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में भाजपा सरकार की लचर पैरवी के कारण शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हुआ है।
उन्होंने राज्य सरकार से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और सदमें में हार्ट अटैक से मरने वाली शिक्षिका व शिक्षा मित्रों के परिवार को 50-50 लाख रुपये की मदद देने की मांग की है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन कर उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का अवसर दिया था, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही शिक्षामित्रों के उत्पीड़न की कार्रवाई शुरू हो गई है।
*लाखों के सामने पैदा हो गया रोजी-रोटी का संकट*
अखिलेश ने कहा, सहायक शिक्षकों के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने से लाखों परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
इस अवसाद में एक महिला शिक्षिका की हार्ट अटैक से और एक अन्य शिक्षामित्र की जहर खाने से मौत हो गई है, लेकिन भाजपा सरकार की संवेदनहीनता के चलते आज गोरखपुर-समेत कई जिलों में पुलिस ने अहिंसात्मक प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया।
*घोषणा पत्र को याद करे भाजपा : रालोद*
रालोद के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे ने कहा है कि भाजपा सरकार अपने घोषणा पत्र को याद करते हुए उनके लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया था, लेकिन वहां की सरकार ने दरियादिली दिखाते हए उन्हें गैर शैक्षणिक पदों पर समायोजित करने का फैसला लिया। उसी तर्ज पर प्रदेश सरकार को भी कार्रवाई करनी चाहिए।
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