आगरा। डॉ. भीमराव अम्बेडरक विवि के सबसे बड़े बीएड फर्जीवाड़े में कार्रवाई शुरू हो गई है। इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ सहायक महीपाल को निलंबित कर
दिया गया है, वहीं इस रिपोर्ट के आधार पर 5186 छात्रों की मार्कशीट निरस्त की जानी है। यदि ऐसा हुआ, तो इन छात्रों का भविष्य चौपट हो जाएगा। इसमें कई ऐसे बीएड डिग्री धारक हैं, जो इन मार्कशीट के जरिए सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर चुके हैं।
एक आॅर्डर पर 5186 मार्कशीट होंगी निरस्त
सेवानिवृत्ति जज एनसी हरित की रिपोर्ट के बाद अगस्त में सुनील कुमार की प्रथम श्रेणी की बीएड मार्कशीट निरस्त कर दी गई थी। उधर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 5186 छात्रों को फर्जी पाया है। इस पर कार्यपरिषद विवि की सभा में बीएड सत्र 2005 के चार्टों के डीनोटिफिकेशन पर फैसला किया जाएगा। इसके बाद ये मार्कशीट भी निरस्त कर दी जाएंगी।
ये है मामला
बीएड सत्र 2004- 05 के छात्र सुनील कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, कि विवि द्वारा उसे दो मार्कशीट जारी कर दी गई हैं। याचिका दायर होने के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। विवि प्रशासन ने इस मामले में कार्य परिषद के निर्णय के बाद 29 अक्टूबर 2015 में रिटायर जज एनसी हरित की एक सदस्यीय कमेटी गठित की थी। विवि प्रशासन के सामने पांच अगस्त 2015 को कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें तत्कालीन कुलपति एएस कुकला, कुलसचिव शिव पूजन सहित कई अधिकारियों और कर्मचारियों को फर्जीवाड़े का आरोपी बनाया गया था, जबकि सुनील कुमार की दो मार्कशीट जारी करने पर महीपाल को आरोपी बनाया गया था।
अब तक चार पर हुई कार्रवाई
कुलसचिव केएन सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ सहायक महीपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें विवि के इंस्टीट्यूट आॅफ बेसिक साइंस के गणित विभाग में संबद्ध किया गया है। इसके बाद अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जानी है। बता दें आगरा विवि में हुए इस सबसे बड़े बीएडी फर्जीवाड़े मामले में एसआईटी ने आगरा विवि के कर्मचारी रणवीर सिंह को सलाखों के पीछे पूर्व में ही पहुंंचा दिया है। इसके अलावा विवि कर्मचारी शैलेन्द्र गुप्ता और सुनील कुमार के घर की कुर्की भी हो चुकी है।
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दिया गया है, वहीं इस रिपोर्ट के आधार पर 5186 छात्रों की मार्कशीट निरस्त की जानी है। यदि ऐसा हुआ, तो इन छात्रों का भविष्य चौपट हो जाएगा। इसमें कई ऐसे बीएड डिग्री धारक हैं, जो इन मार्कशीट के जरिए सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर चुके हैं।
एक आॅर्डर पर 5186 मार्कशीट होंगी निरस्त
सेवानिवृत्ति जज एनसी हरित की रिपोर्ट के बाद अगस्त में सुनील कुमार की प्रथम श्रेणी की बीएड मार्कशीट निरस्त कर दी गई थी। उधर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 5186 छात्रों को फर्जी पाया है। इस पर कार्यपरिषद विवि की सभा में बीएड सत्र 2005 के चार्टों के डीनोटिफिकेशन पर फैसला किया जाएगा। इसके बाद ये मार्कशीट भी निरस्त कर दी जाएंगी।
ये है मामला
बीएड सत्र 2004- 05 के छात्र सुनील कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, कि विवि द्वारा उसे दो मार्कशीट जारी कर दी गई हैं। याचिका दायर होने के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। विवि प्रशासन ने इस मामले में कार्य परिषद के निर्णय के बाद 29 अक्टूबर 2015 में रिटायर जज एनसी हरित की एक सदस्यीय कमेटी गठित की थी। विवि प्रशासन के सामने पांच अगस्त 2015 को कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें तत्कालीन कुलपति एएस कुकला, कुलसचिव शिव पूजन सहित कई अधिकारियों और कर्मचारियों को फर्जीवाड़े का आरोपी बनाया गया था, जबकि सुनील कुमार की दो मार्कशीट जारी करने पर महीपाल को आरोपी बनाया गया था।
अब तक चार पर हुई कार्रवाई
कुलसचिव केएन सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ सहायक महीपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें विवि के इंस्टीट्यूट आॅफ बेसिक साइंस के गणित विभाग में संबद्ध किया गया है। इसके बाद अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जानी है। बता दें आगरा विवि में हुए इस सबसे बड़े बीएडी फर्जीवाड़े मामले में एसआईटी ने आगरा विवि के कर्मचारी रणवीर सिंह को सलाखों के पीछे पूर्व में ही पहुंंचा दिया है। इसके अलावा विवि कर्मचारी शैलेन्द्र गुप्ता और सुनील कुमार के घर की कुर्की भी हो चुकी है।
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