एनबीटी संवाददाता, लखनऊ: शिक्षामित्रों को राजधानी में घुसने से रोकने के पुलिस-प्रशासन के सारे हथकंडे फेल हो गए। जिले की सीमा पर पुलिस बसें रोक कर चेकिंग करती रही, जबकि शिक्षामित्र उनके सामने लग्जरी गाड़ियों से निकल गए।
नतीजन करीब 40 हजार शिक्षामित्र लक्ष्मण मेला मैदान पहुंच गए।
शिक्षामित्रों ने एक सप्ताह पहले ही सोमवार को लखनऊ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। एलआईयू ने भी करीब 50 हजार शिक्षामित्रों के आने की आशंका जताई थी। इस पर प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त करने के साथ शिक्षामित्रों को दूसरे जिलों में ही रोकने की कोशिश की। रविवार को ही डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी जिलों के डीएम व एसपी को पत्र भेजकर अलर्ट भी किया था। सूत्रों के मुताबिक, जिले की सीमाओं पर 20 से 25 पुलिसकर्मियों की टुकड़ी बनाकर लखनऊ आने वाली बसों की जांच करवाई गई। पुलिसकर्मी शिक्षामित्रों को जनरल और डग्गामार बसों में तलाशते रहे, जबकि वे लग्जरी बसों और कारों से लखनऊ पहुंचने में कामयाब हो गए।
भांप गए थे पुलिस की तैयारी
शिक्षामित्रों को पहले ही भनक लग गई थी कि पुलिस उन्हें रोकने की तैयारी कर रही है। इसी कारण उन्होंने रणनीति बदल दी। शिक्षामित्रों ने सामान्य गाड़ियों से आने के बजाए चंदा जुटाकर लग्जरी और टूरिस्ट गाड़ियों का इंतजाम किया। इसके अलावा ज्यादातर शिक्षामित्र सामान्य यात्रियों की तरह बसों और ट्रेनों से आ गए।
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नतीजन करीब 40 हजार शिक्षामित्र लक्ष्मण मेला मैदान पहुंच गए।
शिक्षामित्रों ने एक सप्ताह पहले ही सोमवार को लखनऊ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। एलआईयू ने भी करीब 50 हजार शिक्षामित्रों के आने की आशंका जताई थी। इस पर प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त करने के साथ शिक्षामित्रों को दूसरे जिलों में ही रोकने की कोशिश की। रविवार को ही डीएम कौशल राज शर्मा ने सभी जिलों के डीएम व एसपी को पत्र भेजकर अलर्ट भी किया था। सूत्रों के मुताबिक, जिले की सीमाओं पर 20 से 25 पुलिसकर्मियों की टुकड़ी बनाकर लखनऊ आने वाली बसों की जांच करवाई गई। पुलिसकर्मी शिक्षामित्रों को जनरल और डग्गामार बसों में तलाशते रहे, जबकि वे लग्जरी बसों और कारों से लखनऊ पहुंचने में कामयाब हो गए।
भांप गए थे पुलिस की तैयारी
शिक्षामित्रों को पहले ही भनक लग गई थी कि पुलिस उन्हें रोकने की तैयारी कर रही है। इसी कारण उन्होंने रणनीति बदल दी। शिक्षामित्रों ने सामान्य गाड़ियों से आने के बजाए चंदा जुटाकर लग्जरी और टूरिस्ट गाड़ियों का इंतजाम किया। इसके अलावा ज्यादातर शिक्षामित्र सामान्य यात्रियों की तरह बसों और ट्रेनों से आ गए।
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