प्रमुख संवाददाता, लखनऊ यूपी की राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में अपनी मांगों को लेकर डटे शिक्षा मित्रों के तेवर मंगलवार को भी कड़े रहे।
सरकार के फैसले को मानने से इनकार करते हुए शिक्षा मित्रों ने आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बुधवार की दोपहर बाद से हम जेल भरो आंदोलन करेंगे।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि कल से हम जेल भरेंगे। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम सड़कों पर उतरेंगे। ‘समान कार्य, समान वेतन’ से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं। सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। शिक्षा मित्र समान कार्य, समान वेतन की मांग रख चुके हैं।
प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने कहा कि हम टीईटी से छूट के लिए केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बना कर इस संबंध में अध्यादेश लाए और हमें शिक्षकों के तौर पर समायोजित करें।
शिक्षा मित्र नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार ने उन्हें धोखा दिया है। वर्ष 2015 में जब हाईकोर्ट का फैसला आया तब सपा की सरकार थी। उस समय बतौर सांसद योगी आदित्य नाथ ने भी अध्यादेश लाकर शिक्षा मित्रों की नौकरी बचाने की वकालत की थी लेकिन अब इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
शिक्षा मित्रों ने मानने से इनकार किया
सोमवार को लगभग 50 हजार शिक्षामित्रों ने सोमवार को प्रदर्शन किया और लखनऊ की रफ्तार को रोक दी थी। शिक्षा मित्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए कि शाम तक राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों से संबंधित फैसले ले लिये। सरकार ने फैसला लिया है कि एक अगस्त से उन्हें उनके मूल पद पर वापस माना जाएगा यानी उन्हें शिक्षा मित्र मानते हुए 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। वहीं उनके लिए शिक्षक की सेवा संबंधी नियमावली में संशोधन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। भर्ती में उन्हें प्रतिवर्ष ढाई अंक वेटेज देने का नियम बनाया है। यह वेटेज अधिकतम 25 अंकों का हो सकता है। हालांकि शिक्षा मित्रों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।
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सरकार के फैसले को मानने से इनकार करते हुए शिक्षा मित्रों ने आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बुधवार की दोपहर बाद से हम जेल भरो आंदोलन करेंगे।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा कि कल से हम जेल भरेंगे। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम सड़कों पर उतरेंगे। ‘समान कार्य, समान वेतन’ से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं। सरकार ने हमारे साथ धोखा किया है। शिक्षा मित्र समान कार्य, समान वेतन की मांग रख चुके हैं।
प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने कहा कि हम टीईटी से छूट के लिए केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार केंद्र पर दबाव बना कर इस संबंध में अध्यादेश लाए और हमें शिक्षकों के तौर पर समायोजित करें।
शिक्षा मित्र नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार ने उन्हें धोखा दिया है। वर्ष 2015 में जब हाईकोर्ट का फैसला आया तब सपा की सरकार थी। उस समय बतौर सांसद योगी आदित्य नाथ ने भी अध्यादेश लाकर शिक्षा मित्रों की नौकरी बचाने की वकालत की थी लेकिन अब इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
शिक्षा मित्रों ने मानने से इनकार किया
सोमवार को लगभग 50 हजार शिक्षामित्रों ने सोमवार को प्रदर्शन किया और लखनऊ की रफ्तार को रोक दी थी। शिक्षा मित्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए कि शाम तक राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों से संबंधित फैसले ले लिये। सरकार ने फैसला लिया है कि एक अगस्त से उन्हें उनके मूल पद पर वापस माना जाएगा यानी उन्हें शिक्षा मित्र मानते हुए 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। वहीं उनके लिए शिक्षक की सेवा संबंधी नियमावली में संशोधन की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। भर्ती में उन्हें प्रतिवर्ष ढाई अंक वेटेज देने का नियम बनाया है। यह वेटेज अधिकतम 25 अंकों का हो सकता है। हालांकि शिक्षा मित्रों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।
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