रायबरेली : समायोजन रद्द होने के विरोध में सोमवार को लखनऊ में
शिक्षामित्रों का प्रदर्शन था। इस दौरान जिले के शिक्षामित्रों को लखनऊ
जाने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने खासी घेराबंदी की थी तथा जगह-जगह
चेक पोस्ट बनाए थे।
इन सबके बावजूद शिक्षामित्र पुलिस को चकमा देकर ट्रेन व उन्नाव के रास्ते लखनऊ पहुंच गए। केवल बछरावां में पुलिस चार सौ शिक्षामित्रों को रोकने में सफल रही।
तय कार्यक्रम के अनुसार जिले के शिक्षामित्रों ने सोमवार सुबह से ही लखनऊ जाने की तैयारी कर ली थी। उधर, शिक्षामित्र हफ्तेभर से पढ़ाई से विरत होकर आंदोलनरत हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई है। शिक्षामित्रों ने लखनऊ जाने की जो रणनीति बनाई उसमें वे बहुत हद तक वह सफल रहे। जिले के किसी बड़े शिक्षामित्र नेता को पुलिस रोक नहीं सकी।
बछरावां संवादसूत्र के अनुसार कस्बे के मुख्य चौराहे पर पुलिस ने नाकाबंदी कर शिक्षामित्रों और वाहनों को रोका। एसडीएम राजेंद्र तिवारी, सीओ गोपीनाथ सोनी, थानाध्यक्ष अनिल कुमार ¨सह और एसआई आशीष तिवारी ने लखनऊ जा रही सात बसों को रोककर उनमें सवार करीब चार सौ शिक्षा मित्रों को रोककर निजी वाहनों पर बैठाकर वापस करा दिया। जबकि, कुछ शिक्षामित्र भीड़ का फायदा उठाकर रोडवेज बसों का सहारा लेकर चुपके से सवार होकर लखनऊ की ओर प्रस्थान कर गए।
हालांकि, सोनभद्र, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, सहित कई जिलों की बसों में सवार शिक्षामित्रों को जिले के विभिन्न थानों में बैठाकर और जलपान कराकर समझा-बुझाकर वापस कर दिया गया। नाकेबंदी के दौरान बाराबंकी, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, बहराइच जाने वाले वाहनों को लखनऊ रोड-शिवगढ़ रोड बाईपास स डायवर्ट किया गया।
सलोन संवादसूत्र के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गणेशगंज बाजार के पास पुलिस ने जांच अभियान चलाकर बस व कार की तलाशी दी। इस दौरान कोई भी शिक्षामित्र पुलिस के हाथ नहीं लगा। लालगंज संवादसूत्र के अनुसार चड़रई चौराहे पर पुलिस जांच अभियान चलाती रही, जबकि शिक्षामित्र उन्नाव से होकर लखनऊ पहुंच गए। कई शिक्षामित्र ट्रेन से लखनऊ पहुंच गए।
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इन सबके बावजूद शिक्षामित्र पुलिस को चकमा देकर ट्रेन व उन्नाव के रास्ते लखनऊ पहुंच गए। केवल बछरावां में पुलिस चार सौ शिक्षामित्रों को रोकने में सफल रही।
तय कार्यक्रम के अनुसार जिले के शिक्षामित्रों ने सोमवार सुबह से ही लखनऊ जाने की तैयारी कर ली थी। उधर, शिक्षामित्र हफ्तेभर से पढ़ाई से विरत होकर आंदोलनरत हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई है। शिक्षामित्रों ने लखनऊ जाने की जो रणनीति बनाई उसमें वे बहुत हद तक वह सफल रहे। जिले के किसी बड़े शिक्षामित्र नेता को पुलिस रोक नहीं सकी।
बछरावां संवादसूत्र के अनुसार कस्बे के मुख्य चौराहे पर पुलिस ने नाकाबंदी कर शिक्षामित्रों और वाहनों को रोका। एसडीएम राजेंद्र तिवारी, सीओ गोपीनाथ सोनी, थानाध्यक्ष अनिल कुमार ¨सह और एसआई आशीष तिवारी ने लखनऊ जा रही सात बसों को रोककर उनमें सवार करीब चार सौ शिक्षा मित्रों को रोककर निजी वाहनों पर बैठाकर वापस करा दिया। जबकि, कुछ शिक्षामित्र भीड़ का फायदा उठाकर रोडवेज बसों का सहारा लेकर चुपके से सवार होकर लखनऊ की ओर प्रस्थान कर गए।
हालांकि, सोनभद्र, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, सहित कई जिलों की बसों में सवार शिक्षामित्रों को जिले के विभिन्न थानों में बैठाकर और जलपान कराकर समझा-बुझाकर वापस कर दिया गया। नाकेबंदी के दौरान बाराबंकी, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, बहराइच जाने वाले वाहनों को लखनऊ रोड-शिवगढ़ रोड बाईपास स डायवर्ट किया गया।
सलोन संवादसूत्र के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गणेशगंज बाजार के पास पुलिस ने जांच अभियान चलाकर बस व कार की तलाशी दी। इस दौरान कोई भी शिक्षामित्र पुलिस के हाथ नहीं लगा। लालगंज संवादसूत्र के अनुसार चड़रई चौराहे पर पुलिस जांच अभियान चलाती रही, जबकि शिक्षामित्र उन्नाव से होकर लखनऊ पहुंच गए। कई शिक्षामित्र ट्रेन से लखनऊ पहुंच गए।
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