लखनऊ. सोमवार से लखनऊ में यूपी भर से आए शिक्षा मित्रों का प्रदर्शन जारी है। अब तक इन शिक्षा मित्रों से कोई अधिकारी और ना ही कोई मंत्री या फिर नेता मिलने के लिए इनसे आया है।
लखनऊ के डीएम ने सोमवार देर शाम भरोसा दिलाया था कि वो उनकी मुलाकात अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) से मुलाकात कराने की बात कही थी। लेकिन अब तक शिक्षा मित्रों से मुलाकात नहीं हो पाई है। वहीं दोपहर के वक्त शिक्षा मित्रों ने फैसला किया है कि वो एक साथ दोपहर दो बजे खाने के लिए जाएंगे।
23 अगस्त को जेल भरो आंदोलन
-आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जितेन्द्र शाही ने कहा, "मांगे नहीं मानने पर 23 अगस्त को जेल भरो आंदोलन करेंगे।"
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
-"भरण-पोषण और आत्मसम्मान बचाने के लिए शिक्षा मित्र प्रदर्शन कर रहे है, न कि पिकनिक मनाने। इससे पहले मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के बाद योगी ने विरोधियों पर कहा था, "किसी सूरत में गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनने दिया जाएगा।"
लखनऊ डीएम ने अपने लेटर में लिखी थी ये बातें
-लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने 20 अगस्त जारी लेटर कर कहा था, यूपी प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ संयुक्त शिक्षक शिक्षामित्र समिति ने अचानक 21 अगस्त को लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
-उनके प्रदर्शन से सीएम आवास, एनेक्सी और विधान सभा के बाहर शांति और सुरक्षा भंग होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए जिलों के डीएम और एसपी से अपील की जाती है कि वे शिक्षामित्रों को अपने जिलों में ही रोके रखने का काम करे।
अधिकारियों ने लखनऊ डीएम की अपील पर नहीं किया अमल
-लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा की अपील को किसी जिले के डीएम और एसपी ने संज्ञान नहीं लिया। इसमें जिलों के आरटीओ भी भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
-डीएम ने आरटीओ से ये सुनिश्चित करने को कहा था, प्रस्तावित धरने के दिन किसी भी शिक्षामित्र को बस ट्रक या अन्य सवारी ढ़ोने वाली गाड़ियां किराए पर न मिलने पाए। लखनऊ डीएम की ये अपील किसी काम नहीं आई। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बसों, ट्रकों और छोटी-छोटी गाड़ियों में शिक्षामित्र बड़ी तादाद में लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पहुंच गए।
लखनऊ पुलिस भी शिक्षामित्रों को रोकने में नाकाम
-ऐसा नहीं है कि शिक्षामित्रों के 1 लाख से अधिक तादाद में लखनऊ पहुंचने और शहर की ट्रैफिक सिस्टम के ध्वस्त होने में केवल बाहरी जिलों के डीएम और एसपी का हाथ है बल्कि लखनऊ पुलिस भी इसके लिए बराबर की जिम्मेदार है।
-सवाल है कि जब एक दिन पहले ही लखनऊ पुलिस को ये बात मालूम हो गई थी की 21 अगस्त को राजधानी में एक लाख से अधिक शिक्षामित्र धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंच रहे है तो फिर शहर में कड़ी सुरक्षा क्यों नहीं कि गई?
-चौराहों पर गाड़ियों को रोककर उनकी छानबीन क्यों नहीं की गई। आखिर भारी भरकम वाहन को किसके आदेश पर बड़ी ही आसानी से लक्ष्मण मेला मैदान तक जाने दिया गया? इस सवालों के जवाब अब लखनऊ पुलिस को देना ही होगा।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को बड़ा फैसला सुनाया।
- कोर्ट के फैसले में कहा गया कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है।
- वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा।
- साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
लखनऊ के डीएम ने सोमवार देर शाम भरोसा दिलाया था कि वो उनकी मुलाकात अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) से मुलाकात कराने की बात कही थी। लेकिन अब तक शिक्षा मित्रों से मुलाकात नहीं हो पाई है। वहीं दोपहर के वक्त शिक्षा मित्रों ने फैसला किया है कि वो एक साथ दोपहर दो बजे खाने के लिए जाएंगे।
23 अगस्त को जेल भरो आंदोलन
-आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जितेन्द्र शाही ने कहा, "मांगे नहीं मानने पर 23 अगस्त को जेल भरो आंदोलन करेंगे।"
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
-"भरण-पोषण और आत्मसम्मान बचाने के लिए शिक्षा मित्र प्रदर्शन कर रहे है, न कि पिकनिक मनाने। इससे पहले मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के बाद योगी ने विरोधियों पर कहा था, "किसी सूरत में गोरखपुर को पिकनिक स्पॉट नहीं बनने दिया जाएगा।"
लखनऊ डीएम ने अपने लेटर में लिखी थी ये बातें
-लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने 20 अगस्त जारी लेटर कर कहा था, यूपी प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ संयुक्त शिक्षक शिक्षामित्र समिति ने अचानक 21 अगस्त को लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
-उनके प्रदर्शन से सीएम आवास, एनेक्सी और विधान सभा के बाहर शांति और सुरक्षा भंग होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए जिलों के डीएम और एसपी से अपील की जाती है कि वे शिक्षामित्रों को अपने जिलों में ही रोके रखने का काम करे।
अधिकारियों ने लखनऊ डीएम की अपील पर नहीं किया अमल
-लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा की अपील को किसी जिले के डीएम और एसपी ने संज्ञान नहीं लिया। इसमें जिलों के आरटीओ भी भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
-डीएम ने आरटीओ से ये सुनिश्चित करने को कहा था, प्रस्तावित धरने के दिन किसी भी शिक्षामित्र को बस ट्रक या अन्य सवारी ढ़ोने वाली गाड़ियां किराए पर न मिलने पाए। लखनऊ डीएम की ये अपील किसी काम नहीं आई। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बसों, ट्रकों और छोटी-छोटी गाड़ियों में शिक्षामित्र बड़ी तादाद में लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पहुंच गए।
लखनऊ पुलिस भी शिक्षामित्रों को रोकने में नाकाम
-ऐसा नहीं है कि शिक्षामित्रों के 1 लाख से अधिक तादाद में लखनऊ पहुंचने और शहर की ट्रैफिक सिस्टम के ध्वस्त होने में केवल बाहरी जिलों के डीएम और एसपी का हाथ है बल्कि लखनऊ पुलिस भी इसके लिए बराबर की जिम्मेदार है।
-सवाल है कि जब एक दिन पहले ही लखनऊ पुलिस को ये बात मालूम हो गई थी की 21 अगस्त को राजधानी में एक लाख से अधिक शिक्षामित्र धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंच रहे है तो फिर शहर में कड़ी सुरक्षा क्यों नहीं कि गई?
-चौराहों पर गाड़ियों को रोककर उनकी छानबीन क्यों नहीं की गई। आखिर भारी भरकम वाहन को किसके आदेश पर बड़ी ही आसानी से लक्ष्मण मेला मैदान तक जाने दिया गया? इस सवालों के जवाब अब लखनऊ पुलिस को देना ही होगा।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को बड़ा फैसला सुनाया।
- कोर्ट के फैसले में कहा गया कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है।
- वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
- बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा।
- साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
- जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।
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