लखनऊ : सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद होने से नाराज शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ सोमवार को राजधानी में शक्ति प्रदर्शन किया। शासन-प्रशासन की तमाम बंदिशों के बाद भी भारी संख्या में शिक्षामित्र व उनके समर्थक लक्ष्मण मेला स्थल पर पहुंच गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। पीएम और सीएम से ही हस्तक्षेप की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों ने वार्ता करने पहुंचे एडीएम सिटी वीरेंद्र पांडेय को भी बैरंग लौटा दिया। लखनऊ में रविवार रात से ही शिक्षा मित्र जुटने लगे थे। सुबह तक इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई। बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए। मुख्यमंत्री आवास और विधान सभा मार्ग जाने वाले रास्तों पर चरणबद्ध तरह से सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। इससे शहर की यातायात पूरी तरह ध्वस्त हो गई। लक्ष्मण मेला मैदान पर शिक्षामित्रों की बढ़ती संख्या को देख जिला प्रशासन भी सहम गया। चर्चा रही कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी शिक्षामित्रों की इस तादाद में आने का अनुमान न था। आंदोलन में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ समेत अन्य सभी संगठन शामिल रहे। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने सीएम योगी व पीएम से सार्थक दिशा में वार्ता होने के बाद ही आंदोलन समाप्ति का दावा किया।
शिक्षामित्रों की बिगड़ी हालत
धूप व उमस में प्रदर्शन के दौरान करीब एक दर्जन से अधिक महिला शिक्षामित्रों की तबीयत बिगड़ गई। सुलतानपुर से आईं शिखा, बाराबंकी की लक्ष्मी व आजमगढ़ की पूनम को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचाया गया।1इन मांगों पर अड़े शिक्षामित्र1’सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश पर सरकार तत्काल नया अध्यादेश लाकर कानून बनाए, जिससे एक लाख सत्तर हजार से शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बने रहें।1’नया अध्यादेश लाए जाने तक प्रदेश में समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाए रखते हुए उन्हें वेतन भुगतान आदि की सुविधाएं यथावत रखी जाएं।1’प्रदेश सरकार द्वारा समय रहते सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। 1’विकल्प के तौर पर सभी एक लाख 70 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के समकक्ष वेतनमान पर शिक्षा सहायक पद बनाकर समायोजित किया जाए।
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उन्होंने मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। पीएम और सीएम से ही हस्तक्षेप की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों ने वार्ता करने पहुंचे एडीएम सिटी वीरेंद्र पांडेय को भी बैरंग लौटा दिया। लखनऊ में रविवार रात से ही शिक्षा मित्र जुटने लगे थे। सुबह तक इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई। बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए। मुख्यमंत्री आवास और विधान सभा मार्ग जाने वाले रास्तों पर चरणबद्ध तरह से सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। इससे शहर की यातायात पूरी तरह ध्वस्त हो गई। लक्ष्मण मेला मैदान पर शिक्षामित्रों की बढ़ती संख्या को देख जिला प्रशासन भी सहम गया। चर्चा रही कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी शिक्षामित्रों की इस तादाद में आने का अनुमान न था। आंदोलन में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ समेत अन्य सभी संगठन शामिल रहे। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने सीएम योगी व पीएम से सार्थक दिशा में वार्ता होने के बाद ही आंदोलन समाप्ति का दावा किया।
शिक्षामित्रों की बिगड़ी हालत
धूप व उमस में प्रदर्शन के दौरान करीब एक दर्जन से अधिक महिला शिक्षामित्रों की तबीयत बिगड़ गई। सुलतानपुर से आईं शिखा, बाराबंकी की लक्ष्मी व आजमगढ़ की पूनम को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचाया गया।1इन मांगों पर अड़े शिक्षामित्र1’सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश पर सरकार तत्काल नया अध्यादेश लाकर कानून बनाए, जिससे एक लाख सत्तर हजार से शिक्षामित्र सहायक अध्यापक बने रहें।1’नया अध्यादेश लाए जाने तक प्रदेश में समायोजित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बनाए रखते हुए उन्हें वेतन भुगतान आदि की सुविधाएं यथावत रखी जाएं।1’प्रदेश सरकार द्वारा समय रहते सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। 1’विकल्प के तौर पर सभी एक लाख 70 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के समकक्ष वेतनमान पर शिक्षा सहायक पद बनाकर समायोजित किया जाए।
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