जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : शिक्षक पद से हटाए जाने के बाद परेशान
समायोजित शिक्षामित्रों से फिर से वसूली करने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं।
सोमवार को नारखी ब्लॉक में तीन-चार युवक कई स्कूलों में पहुंचे।
इन युवकों ने शिक्षामित्रों से हजार से दो हजार की मांग की। वहीं कुछ शिक्षामित्रों ने फिर से नौकरी की उम्मीद में रुपये भी दे दिए हैं।
शिक्षामित्रों से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के नाम पर पूर्व में भी चंदा लिया गया था। हालांकि संगठन द्वारा लिए गए चंदे के संबंध में पूर्व में एक बैठक भी हुई थी। इधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्र परेशान हैं। कैसे भी फिर से शिक्षक बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो इस दौरान कुछ ठग भी सक्रिय हो गए हैं। नारखी के स्कूलों में पहुंचने वाले युवकों ने शिक्षामित्रों से संविधान पीठ में पैरवी के नाम पर रुपये मांगे। इस दौरान कुछ शिक्षामित्रों ने एसोसिएशन को सूचित किया तो पदाधिकारियों ने रुपये देने से मना कर दिया। एसोसिएशन के महामंत्री आदेश यादव का कहना है स्कूलों में गए युवक खुद को सक्रिय टीम का सदस्य बता रहे थे, जबकि सक्रिय टीम द्वारा कोई भी रुपया नहीं मांगा जा रहा है।
'कुछ लोग कोर्ट केस के नाम पर चंदा वसूलने का काम कर रहे हैं। जो संगठन को कमजोर कर रहे हैं। संगठन द्वारा किसी तरह की धन की मांग नहीं की जा रही है। इस तरह के लोगों से साथी सावधान रहें। अगर धन की जरूरत होगी तो सभी संगठन मुख्यालय पर बैठक कर साथियों से सुझाव लिए जाएंगे। जब तक साथी किसी को धन नहीं दें।'
-श्रीओम यादव
जिलाध्यक्ष
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन
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इन युवकों ने शिक्षामित्रों से हजार से दो हजार की मांग की। वहीं कुछ शिक्षामित्रों ने फिर से नौकरी की उम्मीद में रुपये भी दे दिए हैं।
शिक्षामित्रों से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के नाम पर पूर्व में भी चंदा लिया गया था। हालांकि संगठन द्वारा लिए गए चंदे के संबंध में पूर्व में एक बैठक भी हुई थी। इधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्र परेशान हैं। कैसे भी फिर से शिक्षक बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो इस दौरान कुछ ठग भी सक्रिय हो गए हैं। नारखी के स्कूलों में पहुंचने वाले युवकों ने शिक्षामित्रों से संविधान पीठ में पैरवी के नाम पर रुपये मांगे। इस दौरान कुछ शिक्षामित्रों ने एसोसिएशन को सूचित किया तो पदाधिकारियों ने रुपये देने से मना कर दिया। एसोसिएशन के महामंत्री आदेश यादव का कहना है स्कूलों में गए युवक खुद को सक्रिय टीम का सदस्य बता रहे थे, जबकि सक्रिय टीम द्वारा कोई भी रुपया नहीं मांगा जा रहा है।
'कुछ लोग कोर्ट केस के नाम पर चंदा वसूलने का काम कर रहे हैं। जो संगठन को कमजोर कर रहे हैं। संगठन द्वारा किसी तरह की धन की मांग नहीं की जा रही है। इस तरह के लोगों से साथी सावधान रहें। अगर धन की जरूरत होगी तो सभी संगठन मुख्यालय पर बैठक कर साथियों से सुझाव लिए जाएंगे। जब तक साथी किसी को धन नहीं दें।'
-श्रीओम यादव
जिलाध्यक्ष
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