फर्जी बीएड डिग्री से शिक्षक बने अभ्यर्थियों के खिलाफ जांच के आदेश, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने दिया जांच का आदेश

फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी करने वालों के खिलाफ जांच का आदेश
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने दिया जांच का आदेश एसआईटी की जांच के दौरान करीब पांच हजार ऐसे अभ्यर्थियों का मामला आया है सामने

परिषदीय विद्यालयों में आगरा के डा.भीमराव अम्बेडकर विवि से वर्ष-2005 से बीएड की डिग्री के जरिये परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिका बने हजारों लोगों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है।सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने बीएडकी डिग्री लगाकर नौकरी करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया है।उन्होंने प्रदेश के सभी बीएसए एवं एडी बेसिक को जारी आदेश में कहा है कि वह लोग 15 दिन के भीतर बीएडकी डिग्री से नौकरी पाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की गहनता से जांच करें कि वह असली हैया फ र्जी। सचिव ने कहा कि अगर वह फर्जी है तो उनके खिलाफएफआईआर दर्जकराकर उनके खिलाफसख्त कार्रवाई करें। प्रदेश सरकार को जानकारी हुईथी कि आगरा विवि से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने वर्ष-2005 से बिना प्रवेश लिये बीएड की डिग्री प्राप्त कर लिया है।यह लोग परिषदीय विद्यालयों सहित अन्य जगह पर बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर शिक्षक-शिक्षिकाओं की नौकरी कर रहे हैं लेकिन सत्यापन की जानकारी कराये जाने की जानकारी होते ही गड़बड़ी करके सत्यापन सही करवा लेते है। इससे उनकी नौकरी पर असर नहीं पड़ रहा है।इस मामले को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए एसआईटी से जांच करवायी थी।उस दौरान जांच में करीब पांच हजार ऐसे फर्जी बीएड डिग्री धारक मिले थे जिनका प्रवेश बीएड में नहीं हुआ था लेकिन विवि के कर्मचारी एवं बाबुओं की मिलीभगत से उनको बीएडकी डिग्री मिल गयी थी। एसआईटी ने प्रदेश सरकार को संस्तुत किया था कि ऐसे लोगों की एक बार फिर से जांच करवाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने बताया कि ऐसे बीएड धारक शिक्षक-शिक्षिकाओं की जांच का आदेश दे दिया गया है जो कि उस दौरान आगरा विवि से बीएडकी डिग्री लेकर नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जायेगा उसको बर्खास्त करते हुए उसके खिलाफफर्जीवाड़ा सहित अन्य मामलों में सख्त कार्रवाईशुरूहोगी।उधर, बेसिक शिक्षा परिषद के सूत्रों का कहना है कि आगरा विवि के ऐसे फर्जीबीएडडिग्री धारकों की संख्या करीब पांच हजार है जो कि इलाहाबाद, जौनपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, लखनऊ, आजमगढ़, गोरखपुर, कानपुर नगर, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, बलिया, मेरठ, बरेली, भदोही, वाराणसी, चंदौली, मथुरा, सहारनपुर सहित अन्य जिलों में ठाठ से शिक्षक की नौकरी कर रहे है।

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