इलाहाबाद : प्रदेश की भाजपा सरकार ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उप्र और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय करने की बजाए दोनों आयोगों का अलग-अलग गठन करने का निर्णय लिया है।
उसी के बाद उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में चयन का आदेश जारी हो गया है। अब चयन बोर्ड की बारी है। माना जा रहा है कि जल्द ही चयन बोर्ड के पुनर्गठन का फिर से आदेश जारी होगा।
असल में प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। कहा गया कि ‘राजनीतिक शिष्टाचार’ के तहत ऐसा करना जरूरी है। उस समय दोनों आयोग अध्यक्षों ने अपना चयन नियमानुसार होने का तर्क देकर इस्तीफा देने से एक तरह से इन्कार कर दिया था। ऐसे में शासन ने दोनों आयोगों का विलय करने का दांव चला। इसके बाद दोनों अध्यक्षों माध्यमिक के हीरालाल गुप्त व उच्चतर के प्रभात मित्तल ने इस्तीफा दे दिया। उनके त्यागपत्र के बाद दोनों आयोगों के सदस्यों ने भी पद छोड़ दिया।
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उसी के बाद उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में चयन का आदेश जारी हो गया है। अब चयन बोर्ड की बारी है। माना जा रहा है कि जल्द ही चयन बोर्ड के पुनर्गठन का फिर से आदेश जारी होगा।
असल में प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। कहा गया कि ‘राजनीतिक शिष्टाचार’ के तहत ऐसा करना जरूरी है। उस समय दोनों आयोग अध्यक्षों ने अपना चयन नियमानुसार होने का तर्क देकर इस्तीफा देने से एक तरह से इन्कार कर दिया था। ऐसे में शासन ने दोनों आयोगों का विलय करने का दांव चला। इसके बाद दोनों अध्यक्षों माध्यमिक के हीरालाल गुप्त व उच्चतर के प्रभात मित्तल ने इस्तीफा दे दिया। उनके त्यागपत्र के बाद दोनों आयोगों के सदस्यों ने भी पद छोड़ दिया।
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