25 जुलाई के judgment चेंज कराने का भरसक प्रयास , अधिक से अधिक बीएड टेट 2011 का कल्याण करवाने का भी प्रयास

शुभ संध्या मित्रों , 25 जुलाई के माननीय सुप्रीम कोर्ट का judgment आये हुए लगभग 3 महीने हुए इसके उपरांत मेरे द्वारा 841 के विरोध में अपनी पूर्व में हाइकोर्ट की एकल पीठ से खारिज रिट पेटेशन 2694/17 के
judgment के खिलाफ अपील फ़ाइल की माननीय अरुण टंडन साहब ने सभी चयनितों का डेटा मंगवा लिया गया है किंतु बेंच चेंज हो गयी और मुकदमा माननीय तरुण अग्रवाल साहब की बेंच में चला गया। पिछली 23 को सुनवाई थी लेकिन विपक्ष के वकील साहब ने illnes की एप्लीकेशन लगाई। अगली तारीख 31 अक्टूबर नियत हुई थी लेकिन हमारे विपक्ष के द्वारा डेट को कटवा दिया गया खैर ये सब मुकदमे में चलता रहता है। जो मुकदमा मेरिट और लॉ पर नही होता है विपक्ष इसी तरह के खेल खेलता है। तारीख 2018 शो हो रही है लेकिन वो कम्प्यूटर से रोटेट हुई है सही हो जायेगी। लेकिन अपने को सुरक्षित और 66655 का पार्ट बताकर दम्भ भरने वाले हमारे विपक्ष के 841 चयनित भाइयो को इस तरह का खेल कदापि शोभा नही देता है। मेरिट और लॉ पर लड़िये मुकदमे में एक पक्ष जीतता है और एक हारता है। 841 के अभ्यर्थियों को ये सोचना चाहिए कि ये मुकदमा कोई चंदा चोर नही लड़ रहा है ये मुकदमा ऋषि श्रीवास्तव का है और मैं जिस चीज के पीछे पड़ता हूँ उसे गंतव्य स्थल तक पहुँचा कर ही मानता हूँ इसका उदाहरण जूनियर के नियोक्ताधारी केवल माननीय भोसले साहब का 1 दिसंबर 2016 के आदेश उठाकर देख सकते हैं। मेरे द्वारा ही 99000 अकैडमिक भर्ती को ultravirus घोषित करवाकर सुप्रीम कोर्ट जाने को विवश कर दिया था जब कि उसी मामले पर श्री शिवकुमार पाठक जी द्वारा 2013 में रिट file हुई थी और पेंडिंग थी। यदि 25 जुलाई के judgment मेरिट और ला पर आया होता तो एक न एक चाहे 66000 या 99000 सेलेक्ट लिस्ट अवश्य शून्य होती। लेकिन बेवजह की भीड़ और बेवजह की बहस ने मुकदमे की सत्यनाश मार दी और ये सब खेल 841 के कुछ चयनितों ने ही खेला। जैसा कि पूर्व में मेरे द्वारा सभी भाइयों और बहनों को मना किया कि कोई भी रिट या अपील हाइकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में न दाखिल करें लेकिन श्रेय लेने की श्रेणी में दर्जनों याचिकाएं दाखिल हुई नतीजा शून्य हुआ सुप्रीम कोर्ट से याचिकाएं वापस हुई और हाइकोर्ट से याचिकाएं खारिज हुई। जो आप लोगों द्वारा रिट file हो रही है उनका नेचर डिफरेंट है और मेरी अपील का nature डिफरेंट है। मेरे पास किसी तरह से सुप्रीम कोर्ट में फ़ाइल डब्ल्यूपीसी त्रिपुरेश पांडेय जी की किसी भाई द्वारा प्राप्त हुई। यह रिट याचिका पांडेय जी द्वारा वापस ली जा चुकी है, यह अत्यंत बोगस रिट लिखी हुई है इस रिट की प्रेयर और ब्रीफ हिस्ट्री देखकर मुझे आश्चर्य हुआ कि कम से कम 2 लाख रुपये की बर्बादी हुई। इस रिट याचिका में 841 में 122 लोगों पर सीबीआई जांच की मांग तक कर दी गयी। रिट का ग्राउंड यह है कि पेटेशनर ने 2011 में भी आवेदन किया और 2012 में भी आवेदन किया है लेकिन 841 में जो नियुक्त हुए हैं उनमें से कुछ अभ्यर्थियों ने 2011 में आवेदन ही नही किया। लेकिन रिट याचिका में यह नही बताया गया कि उन सभी ने 2011 में आवेदन क्यो नही आवेदन किया। मै अपनी तरफ नही करता लेकिन मैं कभी अपनी रिट में ग्राउंड और फैक्ट न छिपाता हूँ और सभी डॉक्यूमेंट लगाता हूँ। अब जो भी सुप्रीम कोर्ट में रिट फ़ाइल होंगी या हाइकोर्ट में उनका भी यही हाल होगा। इसलिये अपना अमूल्य धन इन मूर्खतापूर्ण कार्यों में न लगाएं इससे आपका समय और पैसा बरबाद होगा हासिल कुछ भी नही होगा। मैं और भानु यादव हाइकोर्ट की डिवीज़न बेंच में लड़ ही रहे हैं और मेरे द्वारा किसी से कोई भी कभी भी किसी भी प्रकार के धन की मांग नही की है। बांकी जो लुच्चे लफंगे टाइप के टेट नेता थे वो लूटकर जा चुके हैं और रोज कैबिनेट से नौकरी दिलवा रहे हैं 24 फरबरी तक के याचियों को जिसमें महाकाल कंपनी सबसे आगे है इन कुकृत्यों को करने में और पब्लिक को मूर्ख बनाने में। स्क्रीशॉट में आप सभी को पांडेय जी की रिट जो सुप्रीम कोर्ट से से withdraw हुई है उसकी ब्रीफ हिस्ट्री और प्रेयर भेज रहा हूँ आप स्वयं देख सकते हैं। आप यदि सिमिलर पैरिटी पर नौकरी मांगेंगे तो ऐसा ही judgment प्राप्त होगा। सभी भाई बहन धैर्य बनाये रखें और सिर्फ जो हो रहा है तमाशा देखें और मुझे कार्य करने दे। यदि ईश्वर ने चाहा तो 25 जुलाई के judgment चेंज कराने का भरसक प्रयास करूंगा और अधिक से अधिक बीएड टेट 2011 का कल्याण करवाने का भी प्रयास करूंगा और माननीय सर्वोच्च न्यायालय से गुहार करूँगा की judgment मेरिट, लॉ , और fact पर करें। अंत मे फिर एक बार कहूँगा पूर्व में लूटे गए भूखे भेड़ियों और जो रोज नियुक्ति पत्र दिलवा रहे हैं आप सभी को उनसे हमेशा के लिए हाथ जोड़ ले और अपने दिमाग का प्रयोग करें। आज निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है और जो नियुक्ति की भ्रामक खबरे दे उसे उसी की भाषा मे समझा दे। बाकी मेरी slp 457/17 का आनंद ले
धन्यवाद
आपका शुभेछु
ऋषि श्रीवास्तव
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