जागरण संवाददाता, गाजीपुर : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा की
तिथि घोषित कर दी है। हाईस्कूल की परीक्षा छह फरवरी से 22 फरवरी तक और
इंटरमीडिएट की परीक्षा छह फरवरी से दस मार्च तक होगी।
परीक्षा की तिथि घोषित होते ही परीक्षार्थियों के कान खड़े हो गए। वहीं संबंधित विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों में भी हलचल देखी जा रही है। काफी विद्यालयों में अभी तो अर्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। किसी-किसी विद्यालय में समाप्त भी हो गई हैं। इसके तुरंत बाद परीक्षार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए जुट जाना होगा।
अभी अधूरा है कोर्स
- परीक्षा की तिथि छह फरवरी से घोषित कर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भले ही शीघ्रता दिखाई हो लेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं के कोर्स अधूरे हैं। इसका सबसे अधिक कारण विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। जिस विद्यालय में जिस विषय के शिक्षक उपलब्ध हैं, वह तो परीक्षा तिथि नजदीक आने तक किसी तरह कोर्स पूरा करवा देंगे लेकिन जिस विषय के शिक्षक नहीं हैं उनकी जिम्मेदारी दूसरे विषय के शिक्षकों को दे दी गई हैं। ऐस में इन विषयों को कोर्स पूरा होने पर संदेह है। इसका नुकसान छात्र-छात्राओं को उठाना होगा। अपने स्तर पर उक्त विषय की तैयारी करना ही एक मात्र विकल्प बचा हुआ है।
फैक्ट फाइल
- कुल परीक्षार्थी: 225910
- हाईस्कूल: 129639
- संस्थागत: 124748
- व्यक्तिगत: 4891
- इंटरमीडिएट: 96271
- संस्थागत: 90995
- व्यक्तिगत: 5276
प्रायोगिक परीक्षा की है तैयारी
- यूपी बोर्ड परीक्षा की प्रायोगिक परीक्षाएं नवंबर से निर्धारित की गई हैं। इसकी तैयारियां चल रही हैं। इसके साथ बोर्ड परीक्षा केंद्रों का भी निर्धारण किया जाना है। इस बार आनलाइन बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाए जाने हैं। इसके लिए सभी विद्यालयों का डाटा आनलाइन किया जा चुका है। उनके सत्यापन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है।
- नरेंद्र देव पांडेय, जिला विद्यालय निरीक्षक।
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परीक्षा की तिथि घोषित होते ही परीक्षार्थियों के कान खड़े हो गए। वहीं संबंधित विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों में भी हलचल देखी जा रही है। काफी विद्यालयों में अभी तो अर्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। किसी-किसी विद्यालय में समाप्त भी हो गई हैं। इसके तुरंत बाद परीक्षार्थियों को बोर्ड परीक्षा के लिए जुट जाना होगा।
अभी अधूरा है कोर्स
- परीक्षा की तिथि छह फरवरी से घोषित कर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भले ही शीघ्रता दिखाई हो लेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं के कोर्स अधूरे हैं। इसका सबसे अधिक कारण विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। जिस विद्यालय में जिस विषय के शिक्षक उपलब्ध हैं, वह तो परीक्षा तिथि नजदीक आने तक किसी तरह कोर्स पूरा करवा देंगे लेकिन जिस विषय के शिक्षक नहीं हैं उनकी जिम्मेदारी दूसरे विषय के शिक्षकों को दे दी गई हैं। ऐस में इन विषयों को कोर्स पूरा होने पर संदेह है। इसका नुकसान छात्र-छात्राओं को उठाना होगा। अपने स्तर पर उक्त विषय की तैयारी करना ही एक मात्र विकल्प बचा हुआ है।
फैक्ट फाइल
- कुल परीक्षार्थी: 225910
- हाईस्कूल: 129639
- संस्थागत: 124748
- व्यक्तिगत: 4891
- इंटरमीडिएट: 96271
- संस्थागत: 90995
- व्यक्तिगत: 5276
प्रायोगिक परीक्षा की है तैयारी
- यूपी बोर्ड परीक्षा की प्रायोगिक परीक्षाएं नवंबर से निर्धारित की गई हैं। इसकी तैयारियां चल रही हैं। इसके साथ बोर्ड परीक्षा केंद्रों का भी निर्धारण किया जाना है। इस बार आनलाइन बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाए जाने हैं। इसके लिए सभी विद्यालयों का डाटा आनलाइन किया जा चुका है। उनके सत्यापन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है।
- नरेंद्र देव पांडेय, जिला विद्यालय निरीक्षक।
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