आगरा (जागरण संवाददाता)। बीएड
की फर्जी डिग्री से नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों पर बर्खास्तगी की
तलवार लटकी हुई है। शासन ने फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी प्राप्त करने
वाले 4570 शिक्षकों की सूची भी तैयार कर ली है।
अब इन शिक्षकों की वास्तविक
पहचान के लिए इनकी बीएड डिग्री की जांच की जा रही है। सभी शिक्षकों से तीन
नवंबर तक मूल प्रमाण मांगे गए हैं।
विवि के बीएड सत्र 2005 में हुए
फर्जीवाड़े में 4500 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट जनरेट की गई थीं। इन फर्जी
मार्कशीट से लोगों ने शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त कर ली है। एसआइटी की
जांच में ऐसे लोगों के नाम भी सामने आ गए हैं। इन सभी नामों की सीडी बनाकर
हर जिले में एडी बेसिक और बीएसए को भेजी गई हैं। अब इस सीडी में दिए नामों
में से बीएसए को अपने यहां तैनात फर्जी शिक्षकों की पहचान करनी है। इस काम
में विभाग जुट गया है।
फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए आगरा में
तैनात सभी परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की
बीएड अंकपत्र की जांच की जा रही है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को
निर्देश दिए हैं कि वो अपने खंड में वर्ष 2004 के बाद तैनात सभी शिक्षकों
की बीएड की मूल अंकतालिका जमा कर लें।
काबिलेगौर है कि शासन की सूची में नाम दिए
हैं, इनकी सही पहचान जिला स्तर पर होनी है। इसके अलावा एक प्रारुप भी भरकर
देना है। बीएसए अर्चना गुप्ता ने बताया कि बीएड की फर्जी मार्कशीट की जांच
के लिए शिक्षकों की बीएड की मार्कशीट मांगी गई हैं।
कइयों के माथे पर आया पसीना:
बीएड के मूल प्रमाण पत्र मांगने के बाद कई शिक्षकों के माथे पर पसीना आ
गया है। एसआइटी का शिकंजा कसने के चलते अब फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल
करने वालों को पर्दाफाश होने की चिंता सता रही है।
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