मैनपुरी जनपद में फर्जी शिक्षकों की संख्या 17 पहुंची

मैनपुरी। जनपद में बीएड की फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक बनने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है। बुधवार को जहां यह संख्या नौ थी। वहीं गुरुवार को संख्या बढ़कर 17 पहुंच गई है। इस खुलासे से जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

शिक्षा सत्र 2004-05 से बीएड की फर्जी डिग्री के सहारे प्रदेश में 4570 शिक्षकों ने नौकरी हासिल कर ली। एसआईटी पिछले दो साल से मामले की जांच कर रही थी। एसआईटी ने हाईकोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट दी तो हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को ऐसे शिक्षकों को हटाने के निर्देश जारी कर दिए।

प्रदेशभर के बेसिक शिक्षाधिकारियों को इन शिक्षकों की सूची सीडी के माध्यम से भेजी गई है। जिले में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विजय प्रताप सिंह सीडी की जांच करा रहे हैं। बीएसए ने अभी तक की जांच में जिले के अंदर 17 शिक्षकों को बीएड की फर्जी डिग्री मामले में शामिल पाया है। इन शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी चल रही है। अभी सीडी जांच का कार्य पूरा नहीं हुआ है। अभी मात्र 50 प्रतिशत ही सीडी की जांच हो सकी है।


जैसे-जैसे जांच प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। वैसे वैसे ही जनपद में कुछ शिक्षकों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। ये शिक्षक बिना बताए स्कूलों से गायब हो रहे हैं। बीएसए कार्यालय पर भी जानकारी जुटाने के लिए ऐसे शिक्षक पहुंच रहे हैं लेकिन जांच पूरी गोपनीय चल रही है।

वहीं बीएसए ने जनपद के सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2004-05से लेकर अब तक बीएड की डिग्री से शिक्षक बनने वाले सभी शिक्षकों की अंकतालिकाए हर हाल में शुक्रवार की शाम तक उनके कार्यालय को उपलब्ध करा दी जाए।


बीससए विजय प्रताप सिंह का कहना है कि जांच का कार्य गोपनीय ढंग से किया जा रहा है। इस दौरान जो भी फर्जी शिक्षक पाये जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर लापरवाही नहीं होने दी जाएगी। अभी तक 17 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। शेष की जांच जारी है।
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