आगरा। सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्र मानदेय के
लिए परेशान हैं। 39 हजार का वेतन बंद होने के बाद योगी सरकार ने
शिक्षामित्रों को प्रतिमाह 10 हजार का मानेदय की घोषणा तो कर दी, लेकिन
शिक्षामित्रों को अभी एक भी बार मानदेय नहीं मिल सका है।
इसे लेकर शिक्षामित्रों में आक्रोश है। शिक्षामित्रों ने एलान किया है, कि यदि एक सप्ताह के अंदर मानदेय का भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
25 अक्टूबर तक होना था हिसाब
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने 25 अक्टूबर तक सभी शिक्षामित्रों का भुगतान क्लीयर कराने के सभी बीएसए को निर्देश दिए थे, लेकिन आगरा में शिक्षामित्र परेशान हैं, उनका भुगतान नहीं हो पाया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मानदेय मिलने में देरी हो रही है। मानदेय कब तक मिलेगा, इसका अभी कोई भरोसा नहीं है। वहीं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा द्वारा बकाया मानदेय के भुगतान को लेकर दो बार आदेश किया जा चुका है, लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। उधर इस मामले में जब बीएसए अर्चना गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों का मानदेय जल्द से जल्द उन्हें दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
बीएसए कार्यालय पर होगा प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्रों का वेतन बंद हो गया। उन्हें जुलाई माह के छह दिन का वेतन मिल गया, इसके बाद प्रतिमाह के हिसाब से 10 हजार रुपये का मानदेय मिलना है। तीन माह का मानदेय बकाया है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार बिना पैसों के दिवाली भी गुजर गई। अब तो शिक्षामित्र बेहद परेशान हो चुके हैं, यदि अब एक सप्ताह के अंदर मानदेय का भुगतान नहीं हुआ, तो शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
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इसे लेकर शिक्षामित्रों में आक्रोश है। शिक्षामित्रों ने एलान किया है, कि यदि एक सप्ताह के अंदर मानदेय का भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
25 अक्टूबर तक होना था हिसाब
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने 25 अक्टूबर तक सभी शिक्षामित्रों का भुगतान क्लीयर कराने के सभी बीएसए को निर्देश दिए थे, लेकिन आगरा में शिक्षामित्र परेशान हैं, उनका भुगतान नहीं हो पाया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मानदेय मिलने में देरी हो रही है। मानदेय कब तक मिलेगा, इसका अभी कोई भरोसा नहीं है। वहीं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा द्वारा बकाया मानदेय के भुगतान को लेकर दो बार आदेश किया जा चुका है, लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। उधर इस मामले में जब बीएसए अर्चना गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों का मानदेय जल्द से जल्द उन्हें दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
बीएसए कार्यालय पर होगा प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद शिक्षामित्रों का वेतन बंद हो गया। उन्हें जुलाई माह के छह दिन का वेतन मिल गया, इसके बाद प्रतिमाह के हिसाब से 10 हजार रुपये का मानदेय मिलना है। तीन माह का मानदेय बकाया है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार बिना पैसों के दिवाली भी गुजर गई। अब तो शिक्षामित्र बेहद परेशान हो चुके हैं, यदि अब एक सप्ताह के अंदर मानदेय का भुगतान नहीं हुआ, तो शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
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