बदायूं : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय शेखूपुर की छात्रओं को 69 में ईकाई-दहाई का ज्ञान नहीं है। 17 का पहाड़ा तक याद नहीं है, इतना ही नहीं मेरा नाम अंकिता है का अंग्रेजी में अनुवाद भी नहीं कर पा रही हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता की कलई उस समय खुली जब डीएम और एसएसपी ने खुद विद्यालय का निरीक्षण किया। डीएम ने बीएसए की जमकर क्लास लेते हुए कहा कि बीएसए साहब, परिषदीय विद्यालयों और कस्तूरबा बालिका विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था से मैं संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने वार्डन को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। 1रविवार को डीएम दिनेश कुमार सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश के साथ शेखूपुर स्थित नगर क्षेत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय में छात्रओं के सापेक्ष मात्र 42 छात्रएं ही उपस्थित मिलने पर डीएम ने कारण पूछा तो संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा ने बताया कि शेष बच्चियों को वार्डन ने छुट्टी दे दी है। इतना सुनते ही डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए क्यों न वार्डन की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं। डीएम ने कहा कि एक साथ 58 बच्चियों को किसकी अनुमति से छुट्टी दी गई। बीएसए वार्डन उपासना सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लें और उन्हें अवगत कराएं। विद्यालय में मौजूद संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा, गणित शिक्षिका नीतू गंगवार एवं बीएसए को डीएम ने चेतावनी दी कि लगभग ढेड़ माह बाद स्कूल का पुन: निरीक्षण करेंगे, सुधार न मिलने की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार रहें। विद्यालय में फुल टाइम पांच तथा पार्ट टाइम तीन शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। रविवार को अवकाश होने के कारण केवल संगीत एवं गणित की शिक्षिकाएं उपस्थित पाई गईं। विद्यालय में नौ स्वच्छ शौचालय स्थापित हैं। इनडोर एवं आउटडोर खेल के लिए पर्याप्त सामान उपलब्ध है। डीएम ने बच्चों से भोजन, रजाई, गददों की उपलब्धता के संबंध में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिए कि विद्यालय बाउंड्री किनारे पौधारोपण कराया जाए और भवन की रंगाई-पुताई भी कराई जाए। डीएम ने छात्रओं से प्रतिदिन की दिनचर्या की जानकारी लेते हुए पूछा कि किसी प्रकार की कोई असुविधा तो नहीं है। डीएम ने उपलब्ध बजट के संबंध में भी जानकारी ली तो बीएसए प्रेमचंद्र यादव ने बताया कि बजट की कोई कमी नहीं है।निरीक्षण के दौरान शिक्षिकाओं से बात करते डीएम दिनेश कुमार। साथ में मौजूद एसएसपी चंद्रप्रकाश।
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शिक्षा की गुणवत्ता की कलई उस समय खुली जब डीएम और एसएसपी ने खुद विद्यालय का निरीक्षण किया। डीएम ने बीएसए की जमकर क्लास लेते हुए कहा कि बीएसए साहब, परिषदीय विद्यालयों और कस्तूरबा बालिका विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था से मैं संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने वार्डन को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। 1रविवार को डीएम दिनेश कुमार सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश के साथ शेखूपुर स्थित नगर क्षेत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय में छात्रओं के सापेक्ष मात्र 42 छात्रएं ही उपस्थित मिलने पर डीएम ने कारण पूछा तो संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा ने बताया कि शेष बच्चियों को वार्डन ने छुट्टी दे दी है। इतना सुनते ही डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए क्यों न वार्डन की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं। डीएम ने कहा कि एक साथ 58 बच्चियों को किसकी अनुमति से छुट्टी दी गई। बीएसए वार्डन उपासना सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लें और उन्हें अवगत कराएं। विद्यालय में मौजूद संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा, गणित शिक्षिका नीतू गंगवार एवं बीएसए को डीएम ने चेतावनी दी कि लगभग ढेड़ माह बाद स्कूल का पुन: निरीक्षण करेंगे, सुधार न मिलने की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार रहें। विद्यालय में फुल टाइम पांच तथा पार्ट टाइम तीन शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। रविवार को अवकाश होने के कारण केवल संगीत एवं गणित की शिक्षिकाएं उपस्थित पाई गईं। विद्यालय में नौ स्वच्छ शौचालय स्थापित हैं। इनडोर एवं आउटडोर खेल के लिए पर्याप्त सामान उपलब्ध है। डीएम ने बच्चों से भोजन, रजाई, गददों की उपलब्धता के संबंध में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिए कि विद्यालय बाउंड्री किनारे पौधारोपण कराया जाए और भवन की रंगाई-पुताई भी कराई जाए। डीएम ने छात्रओं से प्रतिदिन की दिनचर्या की जानकारी लेते हुए पूछा कि किसी प्रकार की कोई असुविधा तो नहीं है। डीएम ने उपलब्ध बजट के संबंध में भी जानकारी ली तो बीएसए प्रेमचंद्र यादव ने बताया कि बजट की कोई कमी नहीं है।निरीक्षण के दौरान शिक्षिकाओं से बात करते डीएम दिनेश कुमार। साथ में मौजूद एसएसपी चंद्रप्रकाश।
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