स्कूलों में तीन दिन के भ्रमण के बाद आखिरकार डीएम को सार्वजनिक रूप से कहना ही पड़ा कि जिले में शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। शिक्षक स्कूल जाते नहीं और विद्यार्थी स्कूल आते नहीं।
ऐसे में जिम्मेदार कार्रवाई करने की जगह शांत बैठे हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अचानक पहुंचे डीएम और एसएसपी को यहां की भी व्यवस्था ठीक नहीं मिलीं। जिसके बाद बीएसए से नाराजगी जताते हुए डीएम ने कार्रवाई करने को कहा।
रविवार को डीएम दिनेश कुमार सिंह ने एसएसपी चंद्रप्रकाश के साथ शेखूपुर स्थित नगर क्षेत्र के बॉ स्कूल पहुंचे। विद्यालय में 100 छात्राओं में से केवल 42 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शिक्षिका संगीता, प्रतिष्ठा शर्मा ने बताया कि बच्चियों को वार्डन ने छुट्टी दे दी है। इतना सुनते ही डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए क्यों न वार्डन की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं। डीएम ने कहा कि एक साथ 58 बच्चियों को किस की अनुमति से छुट्टी दी गई। बीएसए वार्डन उपासना सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लें। विद्यालय में मौजूद संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा, गणित शिक्षिका नीतू गंगवार एवं बीएसए को डीएम ने चेतावनी दी कि लगभग डेढ़ माह बाद स्कूल का पुनः निरीक्षण करेंगे। सुधार न मिलने की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
डीएम ने बच्चों से भोजन, रजाई, गददों की उपलब्धता के संबंध में भी ली। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिए कि विद्यालय बाउंड्री किनारे पौधारोपण कराया जाए और भवन की रंगाई-पुताई भी कराई जाए। डीएम ने बच्चियों को प्रतिदिन की दिनचर्या के बारे में पूछा। उन्होंने छात्राओं से 69 में इकाई-दहाई का ज्ञान न होने तथा 17 का पहाड़ा एवं मेरा नाम अंकिता है का अंग्रेजी अनुवाद पूछा,जो छात्राएं नहीं बता सकीं। जिस पर उन्होंने बीएसए से नाराजगी जताई।
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