इलाहाबाद। यूपी के उच्च प्राथमिक स्कूलों में अब शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं होगी। शिक्षक सेवा नियमावली में बदलाव के कारण अब अपर प्राइमरी स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वाले अभ्यर्थी का सर्टीफिकेट भी उनके लिये सिर्फ एक कागज टुकड़ा साबित होगा।
दरअसल उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में 20वां संशोधन किया गया है जिसमें विज्ञान व गणित विषय के सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती के प्रावधान को हटा दिया गया है। ऐसे में उन अभ्यार्थियों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है जो हाल ही में आयोजित अपर टीईटी परीक्षा में बैठे थे। अब उनके टीचर बनने का सपने पर नियमावली में बदलाव भारी पड़ेगा।
पुराना नियम और बदलाव
सबसे पहले हम पुराने नियम को समझ लेते हैं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 के तहत विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों की भर्ती में सीधी भर्ती की भी प्रक्रिया होती थी। नियमानुसार कुल पदों में से 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाते थे और 50 प्रतिशत प्रमोशन से भरे जाते रहे हैं। जबकि अन्य विषय के टीचरों के पद प्रमोशन से भरे जाते थे। अब नयी व्यवस्था के तहत विज्ञान व गणित विषय के सभी पदों को भी प्रमोशन से भरा जायेगा। यह ठीक उसी तरह होगा जैसा विज्ञान व गणित विषय से अलग अन्य विषय के टीचर पद पर पदोन्नति का नियम है।
उठ रहे सवाल
सरकार के इस फैसले के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब नौकरी नहीं देनी है तो लाखों अभ्यार्थी को अपर प्राइमरी स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का विकल्प क्यों दिया गया? अपर टीईटी पास हजारों बेरोजगार नौकरी के लिये परेशान हैं और यूपी में विज्ञान व गणित विषय के हजारों टीचरों की कमी है। ऐसे में सरकार का यह फैसला एक बार फिर नये विवाद को जन्म दे रहा है। अब इस बात की पूरी संभावना हैं कि अपर टीईटी पास अभ्यर्थी इसका विरोध करेंगे।
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दरअसल उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में 20वां संशोधन किया गया है जिसमें विज्ञान व गणित विषय के सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती के प्रावधान को हटा दिया गया है। ऐसे में उन अभ्यार्थियों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है जो हाल ही में आयोजित अपर टीईटी परीक्षा में बैठे थे। अब उनके टीचर बनने का सपने पर नियमावली में बदलाव भारी पड़ेगा।
पुराना नियम और बदलाव
सबसे पहले हम पुराने नियम को समझ लेते हैं। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 के तहत विज्ञान व गणित विषय के शिक्षकों की भर्ती में सीधी भर्ती की भी प्रक्रिया होती थी। नियमानुसार कुल पदों में से 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाते थे और 50 प्रतिशत प्रमोशन से भरे जाते रहे हैं। जबकि अन्य विषय के टीचरों के पद प्रमोशन से भरे जाते थे। अब नयी व्यवस्था के तहत विज्ञान व गणित विषय के सभी पदों को भी प्रमोशन से भरा जायेगा। यह ठीक उसी तरह होगा जैसा विज्ञान व गणित विषय से अलग अन्य विषय के टीचर पद पर पदोन्नति का नियम है।
उठ रहे सवाल
सरकार के इस फैसले के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब नौकरी नहीं देनी है तो लाखों अभ्यार्थी को अपर प्राइमरी स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का विकल्प क्यों दिया गया? अपर टीईटी पास हजारों बेरोजगार नौकरी के लिये परेशान हैं और यूपी में विज्ञान व गणित विषय के हजारों टीचरों की कमी है। ऐसे में सरकार का यह फैसला एक बार फिर नये विवाद को जन्म दे रहा है। अब इस बात की पूरी संभावना हैं कि अपर टीईटी पास अभ्यर्थी इसका विरोध करेंगे।
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