इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संघटक महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती
के दौरान सामने आए तमाम विवादों ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को कटघरे में
खड़ा कर दिया है। भर्ती प्रक्रिया में लगातार गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे
हैं।
रविवार को ऑक्टा पदाधिकारियों ने बैठक कर मांग उठाई कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए और आवेदनों की स्क्रीनिंग के बाद अभ्यर्थियों की सूची संबंधित महाविद्यालय की वेबसाइट पर जारी की जाए।
ऑक्टा अध्यक्ष डॉ. सुनील कांत मिश्र की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने शिक्षक भर्ती पर लगाए जा रहे आरोपों पर चिंता जताते हुए सर्वसम्मति से सभी महाविद्यालयों के डीन, सीडीसी और प्राचार्यों से मांग की कि भर्तियों में पारदर्शिता बरती जाए। साथ ही फैकल्टी रिक्रूटमेंट बोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्क्रूटनी नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। यह मांग भी की गई स्क्रीनिंग के बाद बुलाए गए अभ्यर्थियों की सूची को प्रत्येक दशा में संबंधित महाविद्यालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाए ताकि छात्र अपना मूल्यांकन स्वयं कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर आपत्ति दर्ज करा सकें। हालांकि पदाधिकारियों ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इविवि और संघटक कॉलेजों में काफी अर्से बाद शिक्षक भर्ती शुरू हुई है। शिक्षक भर्ती से विश्वविद्यालय और कॉलेजों के हालात सुधरेंगे और पठन-पाठन बेहतर होगा लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया पर प्रश्न खड़ा होना चिंता का विषय है, सो इसमें पारदर्शिता दिखनी भी चाहिए। यह भी मांग की गई कि चयन समिति की गोपनीयता संबंधी सभी शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बैठक में ऑक्टर के महासचिव डॉ. उमेश प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र द्विवेइदी, संयुक्त सचिव डॉ. राजेश कुमार गर्ग आदि मौजूद रहे।
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रविवार को ऑक्टा पदाधिकारियों ने बैठक कर मांग उठाई कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए और आवेदनों की स्क्रीनिंग के बाद अभ्यर्थियों की सूची संबंधित महाविद्यालय की वेबसाइट पर जारी की जाए।
ऑक्टा अध्यक्ष डॉ. सुनील कांत मिश्र की अध्यक्षता में हुई आपात बैठक के दौरान पदाधिकारियों ने शिक्षक भर्ती पर लगाए जा रहे आरोपों पर चिंता जताते हुए सर्वसम्मति से सभी महाविद्यालयों के डीन, सीडीसी और प्राचार्यों से मांग की कि भर्तियों में पारदर्शिता बरती जाए। साथ ही फैकल्टी रिक्रूटमेंट बोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्क्रूटनी नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। यह मांग भी की गई स्क्रीनिंग के बाद बुलाए गए अभ्यर्थियों की सूची को प्रत्येक दशा में संबंधित महाविद्यालय की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाए ताकि छात्र अपना मूल्यांकन स्वयं कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर आपत्ति दर्ज करा सकें। हालांकि पदाधिकारियों ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इविवि और संघटक कॉलेजों में काफी अर्से बाद शिक्षक भर्ती शुरू हुई है। शिक्षक भर्ती से विश्वविद्यालय और कॉलेजों के हालात सुधरेंगे और पठन-पाठन बेहतर होगा लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया पर प्रश्न खड़ा होना चिंता का विषय है, सो इसमें पारदर्शिता दिखनी भी चाहिए। यह भी मांग की गई कि चयन समिति की गोपनीयता संबंधी सभी शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। बैठक में ऑक्टर के महासचिव डॉ. उमेश प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र द्विवेइदी, संयुक्त सचिव डॉ. राजेश कुमार गर्ग आदि मौजूद रहे।
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