फतेहाबाद। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जिला फतेहाबाद कार्यकारिणी की
बैठक भूना में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान विकास
टुटेजा द्वारा की गई। जिला महासचिव विनोद मूंड ने बताया कि संघ द्वारा
प्राथमिक शिक्षकों की मांगों के निवारण हेतु प्रदेश के सभी जिला मौलिक
शिक्षा अधिकारी
कार्यालयों पर 29 नवम्बर को चेतावनी प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया था, जिसमें जिले से सैकड़ों जेबीटी शिक्षकों ने भाग लिया था। इसी कड़ी में संघ द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की मांगों के निवारण हेतू राज्य स्तर पर निदेशालय, मौलिक शिक्षा विभाग पंचकूला पर 6 दिसंबर को राज्यस्तरीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला प्रधान विकास टुटेजा ने कहा कि आज प्रदेश का प्राथमिक शिक्षक सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के स्वयं को ठगा-सा महसूस कर रहा है। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्कूलों को प्रयोगशाला बना कर रख दिया है, जिस पर आए दिन नये-नये प्रयोग किये जाते हैं। हरियाणा सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के विरोध में प्राथमिक शिक्षकों ने संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। इसी सन्दर्भ में जिले से सैकड़ों प्राथमिक शिक्षक पंचकूला प्रदर्शन में भाग लेंगे।
खंड भूना प्रधान आलोक बंसल ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री तबादला नीति पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं और दूसरी तरफ उसी तबादला नीति के कारण प्रदेश के लगभग 3000 प्राथमिक शिक्षक पिछले सवा साल से अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहे हैं। तबादला नीति में शिक्षकों की समस्याओं का एक माह में निराकरण करने की बात कही गई है परंतु बजाय समस्याओं का निवारण करने के विभाग व हरियाणा सरकार प्राथमिक शिक्षकों की इस समस्या से हो रही यातना को महसूस ही नहीं कर रही है। अगर सरकार ने समय रहते तबादला संबंधी शिकायतों का समाधान नहीं किया तो संघ 6 दिसम्बर को कोई भी कड़ा फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा।
खंड फतेहाबाद प्रधान अश्वनी कुमार ने बताया कि प्रदेश के हजारों प्राथमिक शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने घरों से सैकड़ों मील दूर नौकरी कर रहे हैं जबकि उनके गृह जिला में रिक्त पद हैं। वे अपने बुजुर्ग माता-पिता और अपने बच्चों की सही प्रकार से देखभाल नहीं कर पा रहे और बच्चों की पढ़ाई भी पूर्ण मनोयोग के साथ नहीं करवा पा रहे क्योंकि उन्हें हर समय अपने परिवार की चिंता रहती है। इसलिए जल्द से जल्द प्राथमिक अध्यापकों की अंतरजिला स्थानान्तरण नीति जारी करके इन्हें अपने गृह जिलों में भेजा जाए तथा अंतरजिला तबादला नीति जारी करने से पहले राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ को अवश्य विश्वास में लिया जाए।
खंड भट्टू प्रधान अजीत सिंह छाबा ने बताया कि प्रदेश में अभी हाल ही में हुई प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों में हमारे 1259 जेबीटी साथियों को ज्वाइन करवाने के पश्चात लो-मैरिट के नाम पर हटा दिया गया। उन्हें जल्द से जल्द पुन: ज्वाइन करवाया जाए और जो साथी अंगूठा जांच की रिपोर्ट न आने व अन्य कारणों से ज्वाइनिंग से वंचित है उन्हें भी जल्द से जल्द ज्वाइनिंग दी जाए। इस बारे भी ठोस कार्यवाही की जाए। खंड रतिया प्रधान पवन गोरछी ने कहा कि सरकार स्कूलों को बंद करने पर तुली है। सरकार व शिक्षा विभाग को चाहिए कि सबसे पहले तो इन स्कूलों की सूचि सार्वजनिक की जाए तथा आगामी मार्च और अप्रैल माह में दाखिला अभियान चला कर इनमें छात्रों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाए। संघ शिक्षा विभाग के हर उस फैसले की कड़ी निंदा करता है जो शिक्षा विरोधी हो। विभाग को जल्द से जल्द इस निर्णय को वापस लेना चाहिए।
खंड टोहाना प्रधान प्रदीप गिल ने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा में सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है परन्तु दूसरी ओर प्राथमिक अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटी, जन सेवा सर्वे आदि के कार्यों में लगा कर बच्चों की पढाई में बाधा डालता है।
खंड जाखल प्रधान अनूप गोरा ने एचआरएमएस के नाम पर प्राथमिक शिक्षकों से पैसे लेने की शिकायतें भी शिक्षकों के माध्यम से सुनने में आ रही हैं और अधिकतर डीडीओ ने तो अभी तक प्राथमिक शिक्षकों का डेटा पूरा भी नहीं करवाया है। संघ इस प्रकार की भेदभाव पूर्ण बातों की कड़ी निंदा करता है व विभाग से निवेदन करता है कि इस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही करे।
इस अवसर पर पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य दलीप बिश्नोई, देवेन्द्र दहिया, जिला कोषाध्यक्ष विजेंद्र लहरियां, जिला कार्यकारिणी सदस्य सुरेन्द्र सन्सनवाल, नीरज शर्मा, नरेश यादव, बूटा सिंह जाखल, नरेश कुमार जाखल, सुखविद्र पानू, महेश ललित, खण्ड फतेहाबाद सचिव दीपक शर्मा, खंड भट्टू सचिव अशोक शर्मा, खंड रतिया सचिव पिंकू, खंड भूना सचिव राकेश मदान, खंड टोहाना सचिव कर्मबीर सिंह, खंड जाखल सचिव संजय वत्स, पवन चमारखेड़ा, तेजप्रीत सोनी, गुलाब सिंह, वीरेंद्र सिंह, सागर बिश्नोई, दिलीप भाकर सहित अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।
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कार्यालयों पर 29 नवम्बर को चेतावनी प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया था, जिसमें जिले से सैकड़ों जेबीटी शिक्षकों ने भाग लिया था। इसी कड़ी में संघ द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की मांगों के निवारण हेतू राज्य स्तर पर निदेशालय, मौलिक शिक्षा विभाग पंचकूला पर 6 दिसंबर को राज्यस्तरीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला प्रधान विकास टुटेजा ने कहा कि आज प्रदेश का प्राथमिक शिक्षक सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के स्वयं को ठगा-सा महसूस कर रहा है। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्कूलों को प्रयोगशाला बना कर रख दिया है, जिस पर आए दिन नये-नये प्रयोग किये जाते हैं। हरियाणा सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के विरोध में प्राथमिक शिक्षकों ने संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। इसी सन्दर्भ में जिले से सैकड़ों प्राथमिक शिक्षक पंचकूला प्रदर्शन में भाग लेंगे।
खंड भूना प्रधान आलोक बंसल ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री तबादला नीति पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं और दूसरी तरफ उसी तबादला नीति के कारण प्रदेश के लगभग 3000 प्राथमिक शिक्षक पिछले सवा साल से अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहे हैं। तबादला नीति में शिक्षकों की समस्याओं का एक माह में निराकरण करने की बात कही गई है परंतु बजाय समस्याओं का निवारण करने के विभाग व हरियाणा सरकार प्राथमिक शिक्षकों की इस समस्या से हो रही यातना को महसूस ही नहीं कर रही है। अगर सरकार ने समय रहते तबादला संबंधी शिकायतों का समाधान नहीं किया तो संघ 6 दिसम्बर को कोई भी कड़ा फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगा।
खंड फतेहाबाद प्रधान अश्वनी कुमार ने बताया कि प्रदेश के हजारों प्राथमिक शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने घरों से सैकड़ों मील दूर नौकरी कर रहे हैं जबकि उनके गृह जिला में रिक्त पद हैं। वे अपने बुजुर्ग माता-पिता और अपने बच्चों की सही प्रकार से देखभाल नहीं कर पा रहे और बच्चों की पढ़ाई भी पूर्ण मनोयोग के साथ नहीं करवा पा रहे क्योंकि उन्हें हर समय अपने परिवार की चिंता रहती है। इसलिए जल्द से जल्द प्राथमिक अध्यापकों की अंतरजिला स्थानान्तरण नीति जारी करके इन्हें अपने गृह जिलों में भेजा जाए तथा अंतरजिला तबादला नीति जारी करने से पहले राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ को अवश्य विश्वास में लिया जाए।
खंड भट्टू प्रधान अजीत सिंह छाबा ने बताया कि प्रदेश में अभी हाल ही में हुई प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों में हमारे 1259 जेबीटी साथियों को ज्वाइन करवाने के पश्चात लो-मैरिट के नाम पर हटा दिया गया। उन्हें जल्द से जल्द पुन: ज्वाइन करवाया जाए और जो साथी अंगूठा जांच की रिपोर्ट न आने व अन्य कारणों से ज्वाइनिंग से वंचित है उन्हें भी जल्द से जल्द ज्वाइनिंग दी जाए। इस बारे भी ठोस कार्यवाही की जाए। खंड रतिया प्रधान पवन गोरछी ने कहा कि सरकार स्कूलों को बंद करने पर तुली है। सरकार व शिक्षा विभाग को चाहिए कि सबसे पहले तो इन स्कूलों की सूचि सार्वजनिक की जाए तथा आगामी मार्च और अप्रैल माह में दाखिला अभियान चला कर इनमें छात्रों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाए। संघ शिक्षा विभाग के हर उस फैसले की कड़ी निंदा करता है जो शिक्षा विरोधी हो। विभाग को जल्द से जल्द इस निर्णय को वापस लेना चाहिए।
खंड टोहाना प्रधान प्रदीप गिल ने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा में सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है परन्तु दूसरी ओर प्राथमिक अध्यापकों को बीएलओ ड्यूटी, जन सेवा सर्वे आदि के कार्यों में लगा कर बच्चों की पढाई में बाधा डालता है।
खंड जाखल प्रधान अनूप गोरा ने एचआरएमएस के नाम पर प्राथमिक शिक्षकों से पैसे लेने की शिकायतें भी शिक्षकों के माध्यम से सुनने में आ रही हैं और अधिकतर डीडीओ ने तो अभी तक प्राथमिक शिक्षकों का डेटा पूरा भी नहीं करवाया है। संघ इस प्रकार की भेदभाव पूर्ण बातों की कड़ी निंदा करता है व विभाग से निवेदन करता है कि इस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही करे।
इस अवसर पर पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य दलीप बिश्नोई, देवेन्द्र दहिया, जिला कोषाध्यक्ष विजेंद्र लहरियां, जिला कार्यकारिणी सदस्य सुरेन्द्र सन्सनवाल, नीरज शर्मा, नरेश यादव, बूटा सिंह जाखल, नरेश कुमार जाखल, सुखविद्र पानू, महेश ललित, खण्ड फतेहाबाद सचिव दीपक शर्मा, खंड भट्टू सचिव अशोक शर्मा, खंड रतिया सचिव पिंकू, खंड भूना सचिव राकेश मदान, खंड टोहाना सचिव कर्मबीर सिंह, खंड जाखल सचिव संजय वत्स, पवन चमारखेड़ा, तेजप्रीत सोनी, गुलाब सिंह, वीरेंद्र सिंह, सागर बिश्नोई, दिलीप भाकर सहित अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।
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