जागरण संवाददाता, मऊ : जन्मदिन व परिनिर्वाण दिवस किसी भी व्यक्ति की
¨•ादगी के दो महत्वपूर्ण पहलू होते हैं, फर्क इतना है कि जन्मदिन संयोग,
कल्पनाओं, असमंजस,अनिश्चितताओं का दौर है, जबकि परिनिर्वाण
व्यक्ति की सार्थकता, वास्तविकता, मूल्यांकन, संघर्ष, निष्कर्ष, परिणाम एवं निचोड़ होता है, इसके आधार पर उस व्यक्ति की प्रासंगिकता एवं अमरत्व का निर्धारण किया जाता है। इसी तरह बाबा साहेब डा. भीम राव आम्बेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस उनके समर्पण, त्याग व संघर्षो की याद दिलाता है। जिसका लाभ उठाकर समाज का वंचित समाज आज सम्मान की ¨जदगी जी रहा है। उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर अवकाश की घोषणा न होना क्षोभजनक है। सरकार के इस कटुतापूर्ण निर्णय के विरोध में उस दिन सभी अनुसूचित जाति के शिक्षकों व कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय लिया है। यह बातें डॉ. रामविलास भारती ने कही। सोमवार को उनकी अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस वार्ता में में इस बात की घोषणा की गई।
डॉ. भारती ने कहा कि भारतीय संविधान देकर भारत को एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने वाले बाबा साहेब डॉ0 भीम राव आम्बेडकर आज हम करोड़ों भारतियों के दिलों की धड़कन बन चुके हैं। उनके परिनिर्वाण दिवस पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारी, कर्मचारी व शिक्षक देश के विभिन्न जगहों पर इनसे संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हुए प्रतिभाग करते हैं तथा उनके विचारों को जन साधारण तक ले जाने का प्रयास करते है। प्रेस वार्ता में राकेश यादव, मनोज कुमार, शिवकुमार प्रियदर्शी, कल्पनाथ आदि के साथ बहुजन कल्याण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति उत्पीड़न एवं निवारण व सशक्तिकरण केंद्र, महाबोधि समाज सेवा समिति, उत्तर प्रदेशीय अनु.जाति, अनु.जन जाति बेसिक शिक्षक महासंघ आदि संगठनो के लोग उपस्थित रहे।
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व्यक्ति की सार्थकता, वास्तविकता, मूल्यांकन, संघर्ष, निष्कर्ष, परिणाम एवं निचोड़ होता है, इसके आधार पर उस व्यक्ति की प्रासंगिकता एवं अमरत्व का निर्धारण किया जाता है। इसी तरह बाबा साहेब डा. भीम राव आम्बेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस उनके समर्पण, त्याग व संघर्षो की याद दिलाता है। जिसका लाभ उठाकर समाज का वंचित समाज आज सम्मान की ¨जदगी जी रहा है। उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर अवकाश की घोषणा न होना क्षोभजनक है। सरकार के इस कटुतापूर्ण निर्णय के विरोध में उस दिन सभी अनुसूचित जाति के शिक्षकों व कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय लिया है। यह बातें डॉ. रामविलास भारती ने कही। सोमवार को उनकी अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस वार्ता में में इस बात की घोषणा की गई।
डॉ. भारती ने कहा कि भारतीय संविधान देकर भारत को एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने वाले बाबा साहेब डॉ0 भीम राव आम्बेडकर आज हम करोड़ों भारतियों के दिलों की धड़कन बन चुके हैं। उनके परिनिर्वाण दिवस पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारी, कर्मचारी व शिक्षक देश के विभिन्न जगहों पर इनसे संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हुए प्रतिभाग करते हैं तथा उनके विचारों को जन साधारण तक ले जाने का प्रयास करते है। प्रेस वार्ता में राकेश यादव, मनोज कुमार, शिवकुमार प्रियदर्शी, कल्पनाथ आदि के साथ बहुजन कल्याण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति उत्पीड़न एवं निवारण व सशक्तिकरण केंद्र, महाबोधि समाज सेवा समिति, उत्तर प्रदेशीय अनु.जाति, अनु.जन जाति बेसिक शिक्षक महासंघ आदि संगठनो के लोग उपस्थित रहे।
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