इलाहाबाद/ वाराणसी. पिछली सरकारों पर लगातार भर्तियों में धांधली का आरोप लगाने वाली भाजपा की इस बार यूपी में सरकार है। यूपी बोर्ड
की परीक्षा नकल विहीन कराने के प्रयास के बाद अब 12 मार्च को फिर से योगी
सरकार और शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।
बेसिक शिक्षा परिषद के
प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 12 मार्च को
होने जा रही लिखित परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरह से सक्रिय दिख रहा
है। इस परीक्षा का नकल विहीन कराने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के
कड़े प्रबंध किये गये हैं।
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश में पहली बार होने जा रही
लिखित परीक्षा के लिए इस बार एसटीएम की मुस्तैदी बता रही है कि योगी राज
में शिक्षक बनने के सपने देखने वालों को सरकार और शिक्षा विभाग की सख्ती का
सामना करना होगा।
पांच मार्च को अपर मुख्य सचिव की बैठक
इस परीक्षा में सुचिता कायम रखने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के अपर
मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह पांच मार्च को 4.30 बजे से कमिश्नर, डीएम,
एसएसपी, एसपी और शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग
करेंगे। नकल विहीन परीक्षा कराने की चर्चा होगी। साथ ही परीक्षा केन्द्रों
की व्यवस्था को लेकर बातचीत होगी।
सख्त परीक्षा केन्द्रों का किया गया है चयन
बतादें कि प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए
जिन स्कूलों को केन्द्र बनाया गया है। उनके रिकार्ड भी शिक्षा विभाग ने
पहले ही खंगाले थे। जिन स्कूलों पर लापरवाही का अंदेशा था उन्हे केन्द्र
बनाने से विभाग ने साफ इनकार कर दिया है। इतना ही नही शिक्षा विभाग ने शहरी
सीमा में ही सेंटर बनाए गए हैं ताकि समुचित निरीक्षण किया जा सके साथ ही
नकल की कोई गुंजाइश न बन पाये। इतना ही नहीं परीक्षा के लिए उन्हीं स्कूलों
को प्राथमिकता के आधार पर केंद्र बनाया गया है जहां सीसीटीवी कैमरे लगे
हैं।
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