Himanshu Rana : शिक्षामित्रों के अध्यादेश की सच्चाई , शिक्षामित्र संगठन एवं इनके नेता विलुप्त होने के कगार पर

अध्यादेश की सच्चाई :-
शिक्षामित्रों के द्वारा अध्यादेश के लिए भिन्न-भिन्न सांसदों/विधायकों के माध्यम से माँग उठाई जा रही है जबकि वास्तविक स्थिति है कि दो भर्ती पश्चात इनका बेसिक शिक्षाविभाग से कोई ताल्लुक़ तक नहीं रह जाएगा |
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कम शब्दों में समझा जाए तो भारतीय संविधान में स्थापित क़ानून के अनुसार ये विधि सम्भव नहीं है और मानकर चला भी जाए कि ऐसा हो जाता है तो आज जितने भी संविदा कर्मी है उन पर सामान प्रक्रिया लागू होगी और समूचे भारत में भूचाल आ जाएगा |🤨
संवैधानिक प्रक्रिया में स्थापित अनुच्छेद 14,16,309 का संशोधन तो होने से रहा और सबसे बड़ी बात अनुच्छेद 21 A का मजाक उड़ाया नहीं जा सकता है क्यूँकि ये सामान्य नागरिक को बेहतर जीवन देने के लिए बनाया है जिसमें शिक्षा का अहम योगदान है और इसी के मद्देनज़र शिक्षा का अधिकार अधिनियम - 2009 ही पारित हुआ था | 👍🏻👍🏻👍🏻👍🏻😏
इस बात को बहुत अच्छे से शिक्षामित्र संगठन के ब्लाक लेवल से लेकर प्रदेश लेवल के अध्यक्ष तक जानते हैं और कहीं न कहीं नेतागीरी ख़त्म होने का ख़तरा भी इनके सर पर है और ये भुलाए नहीं भूल पाते हैं अपने पद को | बस ये ही कारण है कि apex court के निर्णय के पश्चात भी और भविष्य में अपना राजनीतिक दबदबा क़ायम रखने के लिए कैसे भी आम शिक्षामित्र को बरगला रहे हैं जबकि हक़ीक़त ये है कि कंपीटिशन में प्रतिभाग करे बिना शिक्षामित्र सहायक अध्यापक न ही कोर्ट से बनेगा और न ही पूर्व की तरह राजनैतिक दाँवपेंच से | 😆😆😆😆😆
कहते हैं जीवन में शॉर्टकट नहीं लेने चाहिए इन्होंने वही किया और चार से चालीस तक पहुँचने की लालसा इन्हें ले डूबी वरना इतने ज्ञानी अगर इनके नेतागन थे तो पहले बिहार की तर्ज़ पर अपनी सेवाकाल को साठ वर्ष तक की उम्र का कराते फिर आगे का सोचते | बिहार में 01/07/2006 को शिक्षामित्रों को नियोजित शिक्षक का दर्जा देते हुए नीतीश सरकार ने उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा भी साठ वर्ष सशर्त के सेवाकाल के साथ दिया था अब वे उसी को आधार बनाकर सामान कार्य सामान वेतन की लड़ाई लड़ रहे हैं हालाँकि उनकी ट्रेनिंग 2014 में ncte के अप्रूवल के पश्चात सम्पन्न हुई थी लेकिन उस पर कोई विरोधी एवं विरोधी न होने के कारण उनकी जीत भी लगभग तय है बाक़ी कोर्ट में अब नीतीश सरकार उनका पूरजोर विरोध कर रही है बाक़ी तो भविष्य के गर्भ में है |
फ़िलहाल कोई अध्यादेश नहीं आना है और शिक्षामित्र संगठन एवं इनके नेता विलुप्त होने के कगार पर हैं बाक़ी जो पढ़ लेगा वो ख़ुद को बेसिक में विलय कर पाएगा | 😬😬😬😬
हर हर महादेव 🚩🚩🚩🚩🚩
#राणा 😎😎😎😎😎
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