इलाहाबाद : प्राथमिक से लेकर माध्यमिक व कान्वेंट स्कूलों में नया
शैक्षिक सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। प्रदेश स्तर पर और स्कूल-कालेजों
में इस मौके पर विविध आयोजन हो रहे हैं।
के कालेजों में पहली बार एनसीईआरटी
पाठ्यक्रम से पढ़ाई शुरू होगी, वहीं वैदिक गणित की किताब 25 बरस बाद लागू
होने जा रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व सहायता प्राप्त स्कूलों
में छात्र-छात्रओं की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान शुरू हो रहा
है। इन विद्यालयों में बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाई शुरू करनी होगी,
क्योंकि अब तक नई किताबें छपकर नहीं आ सकी हैं। ऐसे ही ड्रेस, बैग,
जूता-मोजा आदि के लिए भी उन्हें राह देखनी होगी। प्राथमिक के पांच हजार से
अधिक स्कूलों को नए सत्र में अंग्रेजी माध्यम से संचालित होना है। स्कूल व
शिक्षकों का चयन होने का दावा किया गया है लेकिन, पढ़ाई शुरू होने में वहां
वक्त लगेगा, क्योंकि इस माध्यम की किताबें अभी किसी के पास नहीं है। ऐसे
ही जूनियर स्तर के विद्यालयों में इस बार पाठ्यक्रम में आंशिक संशोधन हुआ
है। साथ ही कक्षा चार व पांच की किताबें नए सिरे से तैयार की गई हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि के स्कूलों में भी नए सत्र के पहले हफ्ते में
छात्र-छात्रएं केवल 26 हजार से अधिक कालेजों में अपना दाखिला करा सकेंगे,
उन्हें पढ़ने के लिए किताबों का कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। इसकी वजह यह
है कि यहां नया एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हुआ है। उसकी किताबें छप गई
हैं। बोर्ड सचिव का दावा है कि अगले हफ्ते के अंत तक वह बाजार में होंगी।
नई किताबें मिलने के बाद ही इन स्कूलों में पढ़ाई शुरू होगी। बेसिक से लेकर
राजकीय व अशासकीय माध्यमिक कालेजों तक में शिक्षकों की पहले से कमी है।
गुजरते वर्ष में भर्तियां नहीं हो सकी हैं। कुछ जगहों पर भर्ती प्रक्रिया
चल रही है और कुछ संस्थाओं का गठन होना शेष है। इससे पढ़ाई प्रभावित होना
तय है।
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