बरेली (जेएनएन): उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के राजकीय-एडेड
कॉलेजों से शनिवार को 45 शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। वहीं, पिछले साल भी 47
शिक्षक रिटायर हुए थे। शिक्षक संघ के मुताबिक माध्यमिक स्कूलों में मौजूदा
समय में करीब 40 फीसद शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
इससे नये सत्र में पढ़ाई
प्रभावित होगी। शिक्षक संघ के मंडलीय व जिला मंत्री डॉ. राजेंद्र कुमार
गंगवार ने पठन-पाठन में सुधार के लिए शासन से पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराने
की मांग की है। दरअसल, लंबे समय से माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की
भर्ती नहीं हुई है। जबकि हर साल बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं।
ऐसे में विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बढ़ती जा रही है।
बगैर शिक्षकों के कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर
शिक्षक संघ का सवाल है कि एक तरफ गुणवत्तापरक शिक्षा दिलाए जाने की बात
उठती है। दूसरी तरफ शिक्षकों की भारी कमी है। जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो
पढ़ाई का स्तर कैसे सुधरेगा। बेहतर हो कि शासन सहायता प्राप्त विद्यालयों
में अतिशीघ्र शिक्षक तैनात करे। ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
सख्ती-पढ़ाई में तालमेल जरूरी
यूपी बोर्ड में नकल रोकने के लिए शासन ने कड़ी निगरानी में परीक्षा
कराई। अब सवाल बेहतर शिक्षा का है। डॉ. राजेंद्र कुमार कहते हैं कि शिक्षा
में गुणवत्ता से ही नकल को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।
ये शिक्षक हुए रिटायर
इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नजमुल हसन खां, प्रधानाचार्य
नसीर अहमद, प्रधानाचार्य चंद्रा मिश्रा, प्रधानाचार्य राकेश मोहन पांडेय,
प्रधानाचार्य छत्रपाल सिंह गंगवार समेत अन्य प्रधानाचार्य व शिक्षक रिटायर
हुए हैं।
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