इलाहाबाद : आयोग की परीक्षाओं में प्रश्नों के गलत जवाब के बहुतेरे
मामले सामने आ रहे हैं। उनमें से कई प्रश्नों को आयोग खुद संज्ञान लेकर रद
भी कर रहा है लेकिन, इसकी सूचना वह सार्वजनिक करने को तैयार नहीं है।
जनसूचना अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना को देने में आयोग ने असमर्थता
जाहिर की है।
आयोग ने पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तरकुंजी जारी करने के साथ
ही करीब पांच प्रश्नों को रद कर दिया था। सामान्य अध्ययन विषय में 150
सवालों की जगह 145 प्रश्नों को ही आधार बनाकर मुख्य परीक्षा के लिए सफल
अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। उसी समय प्रतियोगी अविनाश कुमार सिंह ने
29 जनवरी को आयोग के जनसूचना अधिकारी को आरटीआइ भेजी। इसमें पूछा गया कि
आयोग की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र में वर्ष 2012
से 2016 तक कितने प्रश्नों को रद किया गया है। इसका वर्षवार ब्योरा दिया
जाए। जनसूचना अधिकारी अनुसचिव सतीश चंद्र मिश्र ने 24 फरवरी को भेजे जवाब
में कहा है कि परीक्षा के रद प्रश्नों का वर्षवार ब्योरा आयोग में संरक्षित
नहीं किया जाता है। इसलिए यह सूचना अदेय है। प्रतियोगी का कहना है कि इतनी
महत्वपूर्ण परीक्षा के रद प्रश्नों का ब्योरा न रखना गंभीर मामला है। आयोग
के जवाब न देने पर भी प्रतियोगी ने हार नहीं मानी है, उसने दूसरी आरटीआइ
भेजी है इसमें पूछा है कि आयोग में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के
प्रश्नपत्रों की प्रूफ रीडिंग कराई जाती है या नहीं? यह पूछा है कि यदि
प्रूफ रीडिंग होती है तो उसके बाद प्रश्नपत्र विषय विशेषज्ञ के पास जाता है
या नहीं? पांच फरवरी को मांगी गई इस सूचना का आयोग ने अब तक जवाब नहीं
दिया है।
sponsored links:
0 Comments