इलाहाबाद : गलत तरीके से अपना चयन कराने में सफल हो चुके जिन पीसीएस अफसरों के सीबीआइ जांच में फंसने के आसार हैं, उनमें से कई ने अब बचने का रास्ता तलाशना शुरू की है। गलत तरीके से अपना चयन कराने वाले अफसर अब सत्ता के गलियारे पहुंच गए हैं।
1 सीबीआइ की पड़ताल में पता चला है कि उन्होंने सत्ता व विपक्ष के करीबी नेताओं और मंत्रियों तक पहुंच बनानी शुरू की है। उप्र सचिवालय में तैनात एक समीक्षा अधिकारी के माध्यम से दो पीसीएस अफसर व लोअर सबार्डिनेट 2013 के चयनित लगातार लखनऊ पहुंचकर नेताओं को साध रहे हैं। सचिवालय में तैनात बड़े अफसरों का रुख भी सहयोगात्मक है। आयोग से पांच साल में हुई भर्तियों की जांच सीबीआइ कर रही है। इनमें पीसीएस 2015 में सबसे अधिक शिकायतें होने से सीबीआइ ने प्राथमिकता पर लेते हुए जांच शुरू की तो चयन में अनियमितता और अन्य गंभीर खामियां सामने आई हैं, जिसके आधार पर सीबीआइ ने पांच मई को अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करा दी है। सीबीआइ के निशाने पर पीसीएस 2015 में गलत तरीके से चयनित करीब एक सौ अफसर हैं। इनमें एसडीएम व डिप्टी एसपी सहित अन्य मध्यम स्तर के अधिकारी भी संदिग्ध पाए गए हैं। सीबीआइ को अधिक सुबूत मिले उनका फंसना तय है। सूत्र बताते हैं कि चयनित खुद को निदरेष साबित करने की जुगत में हैं। सीबीआइ अफसरों का कहना है कि आरोप तथ्यात्मक रूप से साबित होने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
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