इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 27 मई को प्रस्तावित लिखित परीक्षा पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने विनय कुमार पांडेय व अन्य की याचिकाओं पर करते हुए दिया।
1कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि यह परीक्षा आवश्यक योग्यता के अंतर्गत नहीं है, बल्कि केवल क्वालीफाइंग है। परीक्षा में प्राप्त अंकों का 60 फीसद अभ्यर्थी के मूलांकों में जोड़ा जाएगा। योग्यता धारक शिक्षामित्रों को 25 अंक का वेटेज यानी भारांक भी दिया जाएगा। कोर्ट ने लिखित परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए अगली 11 जुलाई को नियत कर दी है।
उर्दू विषय शामिल करने की मांग भी खारिज : सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में उर्दू विषय को शामिल करने की मांग में दाखिल याचिका भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। याचिकाओं में कहा गया कि परीक्षा में हंिदूी और संस्कृत विषय को शामिल किया गया है, मगर उर्दू विषय नहीं है। कोर्ट ने इस पर सरकार से पूछा था कि क्या उर्दू कक्षा एक से पांच तक के विषय में शामिल हैं अथवा नहीं। सरकार ने एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम प्रस्तुत कर बताया कि उर्दू प्राइमरी कक्षाओं में विषय के तौर पर शामिल नहीं है। उर्दू शिक्षकों की अलग से भर्ती की जाती है। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी।’
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