अब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में हुई
शिक्षक भर्ती की जांच होगी। वर्ष 2010 से अब तक हुई सभी भर्तियां इस जांच
के दायरे में होगी।
बीते 8 वर्षों में लगभग 2.25 लाख शिक्षक भर्ती प्रदेश
में हुई है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डा. प्रभात कुमार ने
दी है। जांच के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
गुरुवार को अपर मुख्य सचिव ने अलीगढ़, फिरोजाबाद, हाथरस, मुरादाबाद,
फतेहपुर व हरदोई शिक्षक भर्ती में अनियमितता की जांच के आदेश दिए थे।
शुक्रवार को उन्होंने जांच का दायरा बढ़ाते हुए पूरे प्रदेश में जांच के
आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर जिलों से शिकायतें आ रही हैं कि
बीते वर्षों में सहायक अध्यापक के पदों पर बड़ी संख्या में अनियमित, नियम
विरुद्ध व फर्जी नियुक्तियां की गई हैं। वर्ष 2010 के बाद की इन फर्जी
नियुक्तियों की जांच के लिए सभी जिलों को पत्र भेज दिया गया है।
इसके लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित
करने के निर्देश दिए गए हैं। इस समिति में अपर पुलिस अधीक्षक व सहायक
मण्डलीय शिक्षा निदेशक-बेसिक के रूप में शामिल होंगे। जांच के दौरान
विभिन्न बिन्दुओं को शामिल किया जाएगा। जिलाधिकारी इसकी नियमित मॉनिटरिंग
करेंगे। इस प्रकरण की समीक्षा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा खुद करेंगे।
जांच की रिपोर्ट जिलाधिकारियों को एक महीने के भीतर सौंपनी होगी।
मथुरा में 12,460 शिक्षक भर्ती में एसटीएफ की जांच में फर्जी
नियुक्तियों के खुलासे के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में रोज शिक्षक भर्ती की
शिकायतें आ रही थीं। वहीं कई जगह के विधायकों ने भी इसकी शिकायत की थी।
इसके बाद विभाग ने सभी जिलों की शिक्षक भर्ती की जांच का फैसला किया है।
समिति जांच करेगी-
- चयन वर्ष में प्रकाशित मेरिट लिस्ट से मिलान करके देखा जाएगा कि वर्तमान
में जो शिक्षक काम कर रहे हैं, वे वही हैं जिनके नाम चयन सूची में थे।
- जो शिक्षक चयनित हुए हैं क्यों उन्होंने इसके लिए कोई आवेदन किया था या नहीं?
- ऐसे शिक्षकों की सूची भी तैयार की जाएगी जिन्होंने नियुक्ति पत्र सीधे
कार्यालय जाकर लिया था। नियुक्ति पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजने का नियम है।
- चयनित अभ्यर्थी संबंधित अर्हता को पूरा करता है या नहीं?
- कोषागार के माध्यम से वेतन सूची भी देखी जाएगी जो शिक्षक वेतन ले रहे हैं क्या वे वही हैं जिनका नाम चयन सूची में था?
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