सरकारी किताबों में अटलजी का जन्मदिवस ही गलत, कक्षा छह की पाठ्य पुस्तकों में जन्म की तारीख 25 की जगह दो दिसंबर प्रकाशित: बेसिक शिक्षा निदेशक करेंगे जांच

इलाहाबाद : महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी शामिल करने की सरकार की मंशा अपने पहले ही कदम पर बेसिक शिक्षा परिषद की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। हाल यह है कि कक्षा छह की पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस तक गलत प्रकाशित कर दिया है।
अब यह बात सामने आने के बाद अफसरों में हड़कंप मचा है। उनके जन्म की तारीख सही कराने को कड़े निर्देश जारी हुए हैं।

परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह में मंजरी पुस्तक के पाठ संख्या 21 में अटल जी की कविता ‘आओ फिर से दिया जलाएं’ के पृष्ठ संख्या 113 पर अटलजी की जीवनी अंकित है। उसमें जन्म तारीख दो दिसंबर 1924 लिखी गई है, जबकि अटल जी की वास्तविक जन्म तारीख 25 दिसंबर 1924 है। राष्ट्रीय पाठ्य पुस्तक सत्र 2018-19 में इस तरह की खामी मिलने की सूचना अफसरों को हुई तो हड़कंप मच गया। परिषद की सचिव रूबी सिंह ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के माध्यम से अविलंब जन्म तारीख में संशोधन करा दें। यह कार्य अनिवार्य रूप से तत्काल कराने को कहा गया है।

नई किताबों के बदल गए पाठ : स्कूलों में आधा सत्र बीत रहा है। जल्द ही अर्धवार्षिक परीक्षाओं का एलान होने वाला है। सरकारी स्कूलों में अब किताबें पहुंची हैं। जिसमें कई विषयों में नई किताबों के शीर्षक बदले हुए हैं। शिक्षक परेशान हैं कि अब यह सब बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए, क्योंकि अब तक की पढ़ाई पुरानी किताबों से चल रही थी। कक्षा छह से आठ तक की किताबों में कई विषयों के अंदर नए अध्याय जोड़े गए हैं। कक्षा छह व सात की अंग्रेजी की किताब में अधिकांश अध्याय बदले हुए हैं, जबकि कक्षा आठ में सिर्फ एक अध्याय को छोड़ बाकी सभी अध्याय बदल गए हैं। विज्ञान में 15 में से सात नए अध्याय जोड़े गए हैं, ऐसा ही हाल अन्य किताबों का भी है।

बेसिक शिक्षा निदेशक करेंगे जांच : बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने सरकारी किताबों में अटलजी का जन्मदिवस गलत दर्ज होने पर सख्त रुख अपनाया है। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह को पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। डा. कुमार ने बताया कि अटलजी के पाठ से संबंधित सामग्री हंिदूी संस्थान वाराणसी ने मुहैया कराई थी। शुरुआती जांच में प्रिंटिंग दोष नहीं मिला है, बल्कि सामग्री में ही गलत तारीख अंकित किए जाने का मामला सामने आया है।