मंडल के 15 हजार शिक्षक जांच के दायरे में आए

गोंडा। देवीपाटन मंडल के चारो जनपदों में पिछले आठ साल में भर्ती करीब 15 हजार शिक्षक जांच के दायरे में आ गए हैं। शासन ने वर्ष 2010 से अब तक नियुक्त हुए शिक्षकों के बारे में रिपोर्ट मांगी है।


हर जिले में अपर जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक के एक कमेटी भी बनाई गई जिन्हें नए सिरे से शिक्षक भर्तियों की जांच करने को कहा गया है। इसके अलावा सहायक शिक्षा निदेशक से शिक्षक भर्तियों के तहत नियुक्त हुए शिक्षकों के बारे में रिपोर्ट मांगी है।

सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा मृदुला आनंद ने जिला पंचायत सभागार में मंडल के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करके बिंदुवार समीक्षा किया।

बीते 8 सालों में प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों में बड़े पैमाने पर सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां हुईं हैं। जिले स्तर पर भर्ती के बाद अभिलेखों का सत्यापन कराया जा चुक है। साथ ही शिक्षक उसी के आधार पर वेतन पा रहे हैं। अब शासन ने नए तरीके से जांच के आदेश दिए हैं।

प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों में नियुक्त हुए शिक्षकों की जांच में अभिलेखों के सत्यापन की रिपोर्ट तो ली जा रही है, इसके अलावा उनके नियुक्ति की प्रक्रिया को भी परखा जाएगा। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाडे़ के खुलासेे के लएि अब कट-ऑफ मेरिट से चयनित सूची में आए अभ्यर्थियों के नाम के आधार जारी हुए नियुक्ति पत्र की जांच होनी है।

इसके साथ ही जारी हुए नियुक्ति पत्र के आधार पर सत्यापन के उपरांत वेतन पाने वाले शिक्षकों का मिलान होगा। इस तरह इस बात की तस्दीक की जा रही है कि कहीं मेरिट से लेकर वेतन पाने तक की प्रक्रिया में चयनित व्यक्ति ही कार्यरत है या कोई गोलमाल हुआ है।

इस तरह मंडल के सभी जिलों में जांच की रिपोर्ट भी मांगी जा रही है। सहायक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जांच के बाद शिक्षकों का ब्यौरा मांगा है। जिसमें फर्जी पाए गए शिक्षकों की रिपोर्ट भी मांगी गई है। उनके बारे में क्या कार्रवाई की गई, इसकी भी कार्रवाई की जानी है।

वर्ष 2010 से 2018 तक हुईं कई भर्तियां

प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों में वर्ष 2010 से 2018 के बीच कई भर्तियां हुईं है। जिसमें वर्ष 2011 में शुरु हुए 72825 शिक्षक भर्ती वर्ष 2015 में शुरू हो पाई थी। इसके तहत गोंडा में 4000 व बहराइच में 3600 सहायक अध्यापकों की भर्तियां की गई भीं।

श्रावस्ती व बलरामपुर में भी 1500 के करीब नियुक्तियां की गईं। इसी दौरान जूनियर हाईस्कूल में सीधी भर्ती के तहत भी मंडल में 2000 शिक्षकों की भर्तियां की गईं। इसके बाद 10 हजार शिक्षक भर्ती, उर्दू शिक्षक भर्ती, 15 हजार शिक्षक भर्ती, 16448 शिक्षक भर्ती, 12460 शिक्षक भर्ती, 68500 शिक्षक भर्तियों के तहत भी मंडल के चारों जनपदों में 5000 के करीब शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया हुई।

इस तरह पूरे मंडल में विभिन्न शिक्षक भर्तियों के तहत नियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों की जांच होनी है। इस दौरान मृतक आश्रित, कोर्ट के आदेशों आदि के तहत हुई नियुक्तियों की भी जांच होनी है।

कई जिलों में फर्जी नियुक्तियों का हो चुका खुलासा
शिक्षक भर्तियों में फर्जीवाड़े का खुलासा सत्यापन व विभागीय जांचों के आधार पर हो भी चुका है। मंडल में 60 से अधिक सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां फर्जी पाई जा चुकी हैं।

गोंडा जनपद में ही अकेले 23 शिक्षकों की नियुक्तियां फर्जी मिल चुकी हैं, जिन्हें बर्खास्त किया जा चुका है और एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। बलरामपुर में भी बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है।

अभी हाल ही में बलरामपुर में एसटीएफ की टीम ने छापेमारी कर दूसरे के अंकपत्र पर नौकरी कर रहे तीन शिक्षकों को गिरफ्तार भी किया है। इसके अलावा बहराइच व श्रावस्ती में भी कईयों की नियुक्तियों को लेकर कार्रवाई हुई है।

वर्ष 2010 के बाद हुई भर्तियों में फर्जीवाड़े की जांच कराई जा रही है। शासन ने इसकी रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए सभी बीएसए व बीईओ को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। फर्जी शिक्षकों की सूची भी मांगी गई है।

फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई कराई जा रही है। रिपोर्ट मिलने पर ही स्थिति स्पष्ट होगी कि कितने फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति है।
- मृदुला आनंद, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा