केंद्र सरकार कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की कोशिश में लगी है, राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों को खुश करने में पीछे नहीं रहना चाहता हैं। राज्य कर्मचारी की संयुक्त परिषद के सचिव, एसपी तिवारी और महासचिव
आरके निगम ने कहा है कि वित्त विभाग वेतन असमानता को खत्म करने के लिए अगले महीने काम कर सकता है। इस कदम से कर्मचारियों की वेतन 5,000 रुपये तक बढ़ सकती है। उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है कि राज्य सरकार ने सभी वेतन असमानताओं को दूर करने की मांगों को स्वीकार कर लिया है। कर्मचारियों की 7वें वेतन आयोग की मांगों को देखने के लिए गठित वेतन समिति ने इस साल मार्च में अपनी रिपोर्ट जमा करा दी थी। कर्मचारी संघ के नेताओं की 9 मांगों और सरकारी शिक्षकों की 5 मांगों को पूरा करने के लिए एक निर्णय लिया गया है।
7 वें वेतन आयोग और छठे वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद कर्मचारियों के वेतन में मतभेद बढ़ गए हैं। अगर सरकार मतभेदों पर काम करती है, तो मध्यम स्तर के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। राज्य के शिक्षकों ने मूल वेतन में 17,140 रुपये की बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने मुख्य सचिव को बताया है कि छठे वेतन आयोग के तहत भर्ती सहायक शिक्षकों का मूल वेतन 17,140 रुपये प्रति माह हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल के मूल वेतन को 18,150 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने भी इस मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
केंद्रीय कर्मचारियों के 7वां वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे बढ़ाने की मांग के बीच यूपी (UP) में राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का लगातार विरोध भी कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारी व शिक्षक नेता मिलकर उत्तर प्रदेश में चेतना रथयात्रा निकाल रहे हैं ताकि कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुट हो सकें।
आरके निगम ने कहा है कि वित्त विभाग वेतन असमानता को खत्म करने के लिए अगले महीने काम कर सकता है। इस कदम से कर्मचारियों की वेतन 5,000 रुपये तक बढ़ सकती है। उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षकों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है कि राज्य सरकार ने सभी वेतन असमानताओं को दूर करने की मांगों को स्वीकार कर लिया है। कर्मचारियों की 7वें वेतन आयोग की मांगों को देखने के लिए गठित वेतन समिति ने इस साल मार्च में अपनी रिपोर्ट जमा करा दी थी। कर्मचारी संघ के नेताओं की 9 मांगों और सरकारी शिक्षकों की 5 मांगों को पूरा करने के लिए एक निर्णय लिया गया है।
7 वें वेतन आयोग और छठे वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद कर्मचारियों के वेतन में मतभेद बढ़ गए हैं। अगर सरकार मतभेदों पर काम करती है, तो मध्यम स्तर के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। राज्य के शिक्षकों ने मूल वेतन में 17,140 रुपये की बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने मुख्य सचिव को बताया है कि छठे वेतन आयोग के तहत भर्ती सहायक शिक्षकों का मूल वेतन 17,140 रुपये प्रति माह हो जाना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल के मूल वेतन को 18,150 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने भी इस मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
केंद्रीय कर्मचारियों के 7वां वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे बढ़ाने की मांग के बीच यूपी (UP) में राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का लगातार विरोध भी कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारी व शिक्षक नेता मिलकर उत्तर प्रदेश में चेतना रथयात्रा निकाल रहे हैं ताकि कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुट हो सकें।