LUCKNOW: स्कूल में एक भी विद्यार्थी नहीं, बीएसए ने की दो शिक्षिकाओं पर कार्रवाई, रोका वेतन

लखनऊ : अब कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में छात्राओं की 90 प्रतिशत से कम अटेंडेंस होने पर शिक्षकों का वेतन कटेगा। बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने इस संबंध में केजीबीवी को निर्देश जारी कर दिए हैं।

बीएसए ने बताया कि कई बार निरीक्षण में सामने आया है कि कक्षाओं में छात्राओं की उपस्थिति 90% से कम रहती है। इसे लेकर शिक्षकों और स्टाफ को चेतावनी दी गई और स्पष्टीकरण मांगा गया। छात्राओं की अनुपस्थिति शिक्षकों की लापरवाही का कारण है। अगर कक्षा में 90% से कम छात्राओं की उपस्थिति मिली तो जितनी प्रतिशत अनुपस्थिति होगी, उतनी प्रतिशत में ही शिक्षकों का वेतन काटा जाएगा।
90% से कम अटेंडेंस पर कटेगा शिक्षकों का वेतन
बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह के मुताबिक हरदोई के 5 स्कूल ऐसे हैं, जहां मिड-डे-मील नहीं दिया जा रहा है। इस पर वहां के डीपीआरओ के माध्यम से ग्राम प्रधान को नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में शाहबाद, सांडी और बिलग्राम ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं रायबरेली में 25 स्कूलों में मिड-डे-मील न मिलने पर जिला समन्वयक का वेतन रोक दिया गया है।
बीएसए अमरकांत सिंह ने बताया कि प्राइमरी स्कूल घसियारी मंडी में मिड-डे-मील दिए जाने के संबंध में कई बार जिला समन्वयक आनंद गौड़ से जानकारी मांगी गई, लेकिन कोई सूचनाएं नहीं मिलीं। इस लापरवाही पर जिला समन्वयक आनंद गौड़ का वेतन भी रोक दिया गया है।• एनबीटी, लखनऊ : नगर क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल घसियारी मंडी में छात्र संख्या शून्य होने पर दो शिक्षिकाओं का वेतन रोक दिया गया है। इंट्रैक्टिव वाइस रेस्पॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) के तहत रोजना स्कूलों में मिड-डे-मील वितरण की जानकारी ली जाती है, जिसमें सामने आया कि प्राइमरी स्कूल घसियारी मंडी में पिछले दो महीने से मिड-डे-मील नहीं दिया जा रहा है, जबकि यहां तैनात प्रधानध्यापिका मो. जहीन और सहायक अध्यापिका अर्चना सिंह ने भी नामांकन के कोई प्रयास नहीं किए। इस लापरवाही पर बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह ने गुरुवार को दोनों शिक्षिकाओं का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने के आदेश जारी कर दिए।

प्राइमरी स्कूल घसियारी मंडी में पिछले साल तक एक से पांच तक की संचालित की जाती थीं। इसमें कुल छह बच्चे ही पढ़ते थे, जबकि इस सत्र में एक भी बच्चे ने ऐडमिशन ही नहीं लिया। आरटीई के तहत प्राइमरी स्कूल में 30 बच्चों पर एक शिक्षक और जूनियर में एक शिक्षक पर 35 बच्चों का नामांकन अनिवार्य है।