उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद के
नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने सोमवार को सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय
मम्फोर्डगंज से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च किया और प्रशासन के
माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भेजा।
सिटी मजिस्ट्रेट विश्व भूषण मिश्र को सौंपे ज्ञापन में 2001 से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए अध्यादेश लाकर पुन: सहायक अध्यापक पद पर पदस्थापित करने या स्थायी पद व वेतनमान देने की मांग की।
शिक्षामित्रों ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1100 शिक्षामित्रों का असमय निधन हो चुका है। उनके परिजनों को मुआवजा एवं आश्रित व्यक्ति को नौकरी दी जाए। 69000 शिक्षक भर्ती में परीक्षा के बाद लगाया गया उत्तीर्ण अंक हटाया जाए। उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए शिक्षामित्रों को लाभान्वित किया जाए। संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया गया तो 7 फरवरी से जंतर मंतर दिल्ली में आंदोलन करने को विवश होंगे।
जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य एवं केंद्र सरकार की होगी। पैदल मार्च करने वालों में सुरेंद्र पांडेय,अरुण पटेल, सुनील तिवारी, जनार्दन पांडेय, विनय सिंह, घनश्याम दत्त मिश्र, बड़ेलाल यादव, नौशाद अहमद, दशरथ भारती, अमर बहादुर, अब्दुल मोकीत, राकेश कुमार, विक्रमादित्य प्रजापति, जगदीश केसरी, रवि मिश्रा, प्रभाकांत कुशवाहा, शारदा देवी, आशीष सिंह, आशीष यादव, कमलाकर सिंह आदि शामिल रहे।
सिटी मजिस्ट्रेट विश्व भूषण मिश्र को सौंपे ज्ञापन में 2001 से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए अध्यादेश लाकर पुन: सहायक अध्यापक पद पर पदस्थापित करने या स्थायी पद व वेतनमान देने की मांग की।
शिक्षामित्रों ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1100 शिक्षामित्रों का असमय निधन हो चुका है। उनके परिजनों को मुआवजा एवं आश्रित व्यक्ति को नौकरी दी जाए। 69000 शिक्षक भर्ती में परीक्षा के बाद लगाया गया उत्तीर्ण अंक हटाया जाए। उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए शिक्षामित्रों को लाभान्वित किया जाए। संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया गया तो 7 फरवरी से जंतर मंतर दिल्ली में आंदोलन करने को विवश होंगे।
जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य एवं केंद्र सरकार की होगी। पैदल मार्च करने वालों में सुरेंद्र पांडेय,अरुण पटेल, सुनील तिवारी, जनार्दन पांडेय, विनय सिंह, घनश्याम दत्त मिश्र, बड़ेलाल यादव, नौशाद अहमद, दशरथ भारती, अमर बहादुर, अब्दुल मोकीत, राकेश कुमार, विक्रमादित्य प्रजापति, जगदीश केसरी, रवि मिश्रा, प्रभाकांत कुशवाहा, शारदा देवी, आशीष सिंह, आशीष यादव, कमलाकर सिंह आदि शामिल रहे।