Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

सिपाही भर्ती परीक्षा पर सॉल्वरों का साया, अधिकारी मुस्तैद

बरेली। सिपाही भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन प्रयागो इंटर कॉलेज में हाई प्रोफाइल सॉल्वर पकड़े जाने के बाद सोमवार को सीबीगंज स्थित उत्कर्ष बिजनेस एंड मैनेजमेंट कॉलेज और इज्जतनगर के मुड़िया अहमदनगर के मखानी इंटर कॉलेज से भी दो सॉल्वर पकड़े गए। दोनों ही सॉल्वर फोटो मिलान के दौरान पकड़ में आए।
3/9 परीक्षा अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेजा जाएगा। रविवार को भी प्रयागो इंटर कॉलेज में सेना से रिटायर्ड जवान को बावर्दी मल्टीमीडिया मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया था।
पीलीभीत बाईपास के सेंटर मखानी इंटर कॉलेज पर बदायूं के सर्वेंदर यादव की जगह बिहार का सूर्यवली परीक्षा देने बैठा था। सूर्यवली फोटो मिलान के दौरान पकड़ा गया। सूर्यवली के मुताबिक उसको परीक्षा देने के बदले 20 हजार रुपये मिलने थे, जिनमें से पांच हजार मिल भी चुके थे।

वह रविवार को बदायूं के सर्वेंदर के साथ ही बरेली आया था। वहीं, सीबीगंज के उत्कर्ष बिजनेस एंड मैनेजमेंट कॉलेज में कौशल कुमार पुत्र खेम सिंह निवासी गांव जटवार थाना इगलास अलीगढ़ को पकड़ा गया। वह कपिल चौधरी पुत्र जगपाल सिंह निवासी हाताबाद बुलंदशहर की जगह परीक्षा देने बैठा था। अलीगढ़ की कोचिंग में दोस्ती के बाद 80 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। दस हजार एडवांस दिए थे, बाकी रिजल्ट के बाद देने थे।

फिंगरप्रिंट लिखित में.. पर फायदा फिजिकल में होगा
लिखित परीक्षा में पहली बार बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट लेने की व्यवस्था की गई है। इसकी वजह से परीक्षार्थी सिर्फ फोटो मिलान में पकड़े जा रहे हैं। इनकी तरह ही कुछ अन्य सॉल्वर भी शामिल होने की आशंका हैं। वहीं अफसरों का कहना है फिंगरप्रिंट लेने का फायदा फिजिकल और दस्तावेज सत्यापन के दौरान होगा। पुलिस का कहना है कि गिरोह के सरगना ने पास कराने का ठेका दस से पंद्रह लाख में उठाया होगा।

आईटी के मास्टरमाइंड शातिरों ने बनाया था फुलप्रूफ प्लान
नकल माफिया आईटी के मास्टरमाइंड भी निकले। शातिर तरीके से फुलप्रूफ प्लान बनाया और मनोज को हाईटेक डिवाइसों के साथ परीक्षा केंद्र में पहुंचा दिया। मगर बार-बार सतर्कता बरतने की कोशिश और हड़बड़ी उसके पकड़ जाने की वजह बन गई।

मनोज ने अपनी शर्ट के काज में बटन की तरह दिखने वाला मोबाइल का कै मरा फिट किया था। पेपर को उठाकर सीने के सामने लाता था, ताकि बाहर बैठे सॉल्वर उसको पढ़ सके। आटो कॉल रिसीव होने के बाद उसे जवाब मिलने लगते थे। परीक्षा कक्ष में वह थोड़ी-थोड़ी देर में अपने कपड़े ठीक करता था। महिला कक्ष निरीक्षक को शक हुआ तो बाहर से शिक्षक बुलाकर चेकिंग कराई और सारा भेद खुल गया। बिट्टू से उसका संपर्क रवि के जरियेे हुआ था। परीक्षा की सुबह मुरादाबाद के संदीप और मनु ने उसको डिवाइस दी थी। इसके लिए 50 हजार रुपये तय हुए थे। साथ ही सॉल्वर के जरिये उसकी भी नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। प्रेसवार्ता में यह जानकारी एसपी सिटी अभिनंदन, एसपी क्राइम रमेश भारतीय और सीओ द्वितीय सीमा यादव ने दी।

बार-बार बदली कहानी
मनोज ने पुलिस को खूब छकाया। बताया कि रविवार रात 11 बजे वह सेंटर में घुसा और मोबाइल, ब्लूटूथ टायलेट में छिपाने के बाद दीवार फांदकर चला गया। इसलिए गेट पर चेकिंग में नहीं पकड़ा गया। परीक्षा शुरू होने पर टायलेट से डिवाइस लेकर आया था। मगर कई दफा की पूछताछ में सच उगल दिया कि वह सेंटर में नहीं घुसा था, बल्कि अंडरगारमेंट में डिवाइस छिपाकर अंदर आया था। इसके बाद पैर में फ्रैक्चर बताया, मगर जिला अस्पताल में एक्सरे में फ्रैक्चर नहीं निकला।

इन डिवाइस के साथ पकड़ा
मोबाइल फोन सोनी - मल्टी मीडिया मोबाइल पर कैमरा रेडिएस बढ़ाने के लिए डिवाइस लगाई थी।
राउटर डिवाइस - सिग्नल बेहतर करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। साथ ही कॉल आटो रिसीव हो रही थी।
ब्लूटूथ डिवाइस - कान में लगे थे, लेकिन सामान्य रूप से दिख नहीं रहे थे।

चोट की पट्टी तक खुलवा ली 
सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद सख्ती बढ़ा दी गई। एक परीक्षार्थी के पैर में चोट की पट्टी तक खुलवा ली गई। कुछ परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र में जन्मतिथि में अंतर मिला, लेकिन बाद में उन्हें परीक्षा में बैठने की इजाजत मिल गई।

‘सॉल्वर टीम का बड़ा रैकेट था। कैमरा, ब्लू टूथ के जरिये पेपर साल्व कराया जा रहा था। सॉल्वर से उसके साथियों तक पहुंचने की कोशिश जारी है।’
- रमेश भारतीय, एसपी क्राइम

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts