जबलपुर। हाईकोर्ट ने
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को
नोटिस जारी कर पूछा है कि उच्च-माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति में एमएससी
एग्रीकल्चर के छात्रों के लिए बीएड अनिवार्य क्यों किया गया है।
जस्टिस
आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह
में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
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स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को नोटिस
शिक्षक बनने एमएससी एग्रीकल्चर छात्रों के लिए बीएड अनिवार्य क्यों
शिक्षक बनने एमएससी एग्रीकल्चर छात्रों के लिए बीएड अनिवार्य क्यों
बुरहानपुर निवासी राहुल सातरकर सहित 24
एमएससी एग्रीकल्चर के छात्रों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि
राज्य सरकार ने उच्च-माध्यमिक शिक्षक के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड
के माध्यम से भर्ती निकाली है। शिक्षक पद के लिए एमएससी एग्रीकल्चर के
छात्रों के लिए भी बीएड अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति के
लिए बीएड अनिवार्य कर दिए जाने से प्रदेश भर के एमएससी एग्रीकल्चर के छात्र
नियुक्ति से वंचित हो रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि बीए, बीकाम और
बीएससी की डिग्री लेने वाले के लिए बीएड अनिवार्य करना ठीक है, लेकिन
एमएससी एग्रीकल्चर प्रोफेशनल डिग्री है। इस डिग्री को करने में छात्र को 6
वर्ष का समय लगता है।
यदि एमएससी एग्रीकल्चर की डिग्री लेने के
बाद छात्र बीएड करता है तो उसे दो वर्ष का समय और चाहिए। इसलिए एमएससी
एग्रीकल्चर की डिग्री लेने वालों के लिए शिक्षक पद के लिए बीएड अनिवार्य
नहीं किया जाना चाहिए। प्रांरभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने स्कूल शिक्षा
विभाग के प्रमुख सचिव और प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को नोटिस जारी कर
जवाब-तलब किया है।