परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में परीक्षा के बाद पासिंग मार्क्स तय किए जाने के विरोध में दायर सभी याचिकाओं पर याचियो के वकीलों द्वारा विगत बुधवार को पूरी हो चुकी है.
इस मामले पर राज्य सरकार के वकील प्रशांत चंद्रा ने अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से दोबारा समय मांगा जिस पर न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने इसे मंजूरी देते हुए मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी नियत की है.
आपको हम बता दें कि विगत 7 जनवरी को शासन द्वारा शासनादेश जारी करते हुए सामान्य वर्ग के लिए 65 फ़ीसदी आरक्षित वर्ग के लिए 60 फ़ीसदी पासिंग अंक परीक्षा के बाद तय कर दिए थे, जिससे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों में काफी रोष उत्पन्न हुआ जिसके कारण परीक्षार्थी कोर्ट चले गए. याचियों ने कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा और याचियों के वकीलों द्वारा तर्क दिया गया कि पहले हुई शिक्षक भर्ती में 40- 45 कट ऑफ था और जबकि इस शिक्षक भर्ती में 60-65 कट ऑफ कर दिया गया. जो कि न्याय संगत नहीं है। वकीलों ने कहा सरकार का यह शासनादेश शिक्षामित्रों के मामले में विभेदकारी साबित हुआ है।
अब 18 फरवरी को पक्षकारों को अंतिम रूप से बहस पूरी करने को कोर्ट ने कहा है।
इस मामले पर राज्य सरकार के वकील प्रशांत चंद्रा ने अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से दोबारा समय मांगा जिस पर न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने इसे मंजूरी देते हुए मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी नियत की है.
आपको हम बता दें कि विगत 7 जनवरी को शासन द्वारा शासनादेश जारी करते हुए सामान्य वर्ग के लिए 65 फ़ीसदी आरक्षित वर्ग के लिए 60 फ़ीसदी पासिंग अंक परीक्षा के बाद तय कर दिए थे, जिससे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों में काफी रोष उत्पन्न हुआ जिसके कारण परीक्षार्थी कोर्ट चले गए. याचियों ने कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा और याचियों के वकीलों द्वारा तर्क दिया गया कि पहले हुई शिक्षक भर्ती में 40- 45 कट ऑफ था और जबकि इस शिक्षक भर्ती में 60-65 कट ऑफ कर दिया गया. जो कि न्याय संगत नहीं है। वकीलों ने कहा सरकार का यह शासनादेश शिक्षामित्रों के मामले में विभेदकारी साबित हुआ है।
अब 18 फरवरी को पक्षकारों को अंतिम रूप से बहस पूरी करने को कोर्ट ने कहा है।