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कुर्सी गई तो फंस जाएगी नए शिक्षकों की नौकरी!

 PRAYAGRAJ: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के तेवर से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और संघटक महाविद्यालयों के शिक्षक सकते में हैं. इविवि के कुलपति प्रो. आरएल हांगलू को हटाए जाने को लेकर चल रही कवायदों से सबसे ज्यादा परेशान ऐसे शिक्षक नजर आ रहे हैं.
जिनकी कुछ समय पहले महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई है. बता दें कि इन नियुक्तियों को लेकर सैकड़ों शिकायतें मंत्रालय को भेजी गई हैं. जिनमें भाई भतीजावाद, चयन समिति के अवैध होने, चयन से पहले नाम बाहर आने जैसी ढेरों शिकायतें हैं. ऐसे में न्यू एप्वाइंटेड टीचर्स को डर सता रहा है कि यदि कुलपति की कुर्सी गई तो उनकी भी नौकरी फंस सकती है.

न मिलना पड़े इसलिए नहीं आए जावड़ेकर

उधर, आटा और ऑक्टा के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक एक बार फिर विवि परिसर में हुई. बैठक में इस बात पर आश्चर्य, चिंता और आक्रोश व्यक्त किया गया कि एमएचआरडी मंत्री शिक्षकों से न मिलना पड़े, इसलिए उन्होंने शुक्रवार को अपना प्रयागराज का कार्यक्रम रद् कर दिया. आटा अध्यक्ष प्रो. रामसेवक दुबे ने कहा कि वे कुछ शिक्षकों के साथ 11 फरवरी को दिल्ली जाएंगे और 5-6 दिन रुककर वहां सांसदों और मंत्रियों से मिलकर अपनी बात रखेंगे. वहीं ऑक्टा अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री जी शिक्षकों को मिलने के लिए समय नहीं दे रहे. बैठक में निर्णय लिया गया कि 12 फरवरी को सायंकाल 5:00 बजे विवि और महाविद्यालयों के शिक्षक कुलपति के समर्थन में सिविल लाइंस में चर्च चौराहा से सुभाष चौराहे तक पैदल मार्च करेंगे. 12 फरवरी के बाद आक्टा अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह और महासचिव डॉ. उमेश प्रताप सिंह सहित शिक्षकों का एक और समूह दिल्ली जाएगा.

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