आखिर अब क्या करें? यूपी का पीड़ित शिक्षामित्र

जैसा कि मुख्य चुनाव आयुक्त के द्वारा लोक सभा चुनाव -2019 की तैयारी को लेकर, देश के सभी राज्य सरकार को दिशा निर्देश जारी कर दिया है कि सभी राज्य सरकार, जो भी अपने अधिकारियों का स्थानान्तरण, नियुक्ति व अन्य नये कार्य करने है, 20 फरवरी तक हरहाल में पूर्ण कर ले, चुनाव आयोग के द्वारा उक्त आदेश से स्पष्ट है
कि अब राज्य सरकार यदि कोई नया कार्य 20 फरवरी तक ही कर पाने में ही समक्ष हो सकेगी क्योंकि चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार 20 फरवरी के बाद लोक सभा चुनाव की तैयारी हेतु कभी भी आचार संहिता लगा करके तिथियों की घोषणा हो सकती हैं!


उक्त परिस्थिति में यूपी का पीड़ित शिक्षामित्र, अपने भविष्य को लेकर अत्यंत चिंतित व परेशान है और योगी सरकार किसी भी तरह से आचार संहिता लगने की प्रतीक्षा में है और आचार संहिता लगते ही फिर योगी सरकार शिक्षामित्रों को वोट लेने के लिए झूठा वायदा देकर के पुन: प्रचार प्रसार में संलग्न हो जाएगी!
अत: यूपी के आम पीड़ित शिक्षामित्रों से आग्रह है कि आप के अब 20 फरवरी तक का समय है, जबकि बहन उमा देवी जी ने 20 फरवरी को व शाही जी ने 21 फरवरी को विधान सभा का घेराव करने के लिए घोषणा कर दिया है, यदि वास्तव में योगी सरकार हमारे भविष्य को सुरक्षित व संरक्षित करने हेतु गम्भीर होती तो अब तक सम्पूर्ण प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी होती, परन्तु अफसोस योगी सरकार की कथनी व करनी में विसंगतता होने के कारण अब तक कुछ भी सम्भव नहीं हो सका है सिवाय झूठा जुमला के। अब आम पीड़ित शिक्षामित्रों के पास बाहर निकल करके अपना आक्रोश का प्रदर्शन सड़क पर, करने के अतिरिक्त कोई मार्ग नहीं बचा हुआ है? 20 फरवरी तक जो भी सड़क पर अपना आक्रोश व पीड़ा दिखाना है, आम जन मानस तक दिखा लो, नहीं तो 20 फरवरी के बाद धारा - 144 कभी भी लगते ही सब कुछ वही का वही ठहर जाएगा फिर लोक सभा चुनाव के बाद नये प्रधानमंत्री बनने तक ही योगी सरकार फिर कोई नया जुमला परोस सकेगी, 69000/- शिक्षक भर्ती भी कोर्ट कचहरी में फंस चुकी है, जो कि अब लोक सभा चुनाव के पश्चात ही पूर्ण होने के आसार पूरी तरह से लगभग लग रहे है!