प्रयागराज, 19 अक्तूबर। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती समेत
कॉलेजों में शिक्षकों, प्राचार्यों, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की
नियुक्तियों से संबंधित प्रक्रिया ठप पड़ी है। भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू
की जाए, इस मांग लेकर ऑक्टा ने आंदोलन का निर्णय लिया है।
शुक्रवार को सीएमपी डिग्री कॉलेज में ऑक्टा अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह के नेतृत्व में हुई ऑक्टा की सामान्य सभा में सदस्यों ने इस बात पर चिंता जताई कि इलाहाबाद डिग्री कॉलेज समेत तीन संघटक कॉलेजों में 15 वर्षों से अधिक समय से नियुक्ति न होने के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
साथ ही जिन संघटक महाविद्यालयों में नियुक्तियां हुईं थी, वहां भी कई विषयों के शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और ऐसे में वहां भी नियुक्तियां तत्काल शुरू कराए जाने की जरूरत है। जिन महाविद्यालयों में कार्यवाहक प्राचार्य हैं, वहां भी शीघ्र स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति किए जाने की मांग की गई ताकि महाविद्यालयों का विकास कार्य बाधित न हो। ऑक्टा महासिचव डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने संघटक कॉलेजों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति को भी प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में नियुक्तियां रोके जाने की निंदा की गई और एमएचआरडी मंत्री से मांग की गई कि नियुक्तियां जल्द शुरू की जाएं।
सदस्यों ने कहा कि विभिन्न विभागों में विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षक महाविद्यालयों में शिक्षकों को शोध छात्र आवंटित करने को लेकर भेदभाव कर रहे हैं, जिसका ऑक्टा विरोध करेगी। साथ ही इस मामले में डीन सीडीसी से मिलकर हल निकालने की बात कही गई। इसके अलावा यूजीसी के नए रेगुलेशन के अनुसार महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पर प्रोन्नति की प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने की मांग भी उठी। कुछ सदस्यों ने प्रोन्नति के तीन वर्ष बाद भी 109 शिक्षकों को एरियर न मिलने के मुद्दे पर कड़े कदम उठाए जाने का सुझाव दिया। इन सभी मुद्दों पर इविवि प्रशासन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र भेजे जाने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में डॉ. रणधीर सिंह, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना पांडेय, डॉ. रामपाल गंगवार आदि मौजूद रहे।
शुक्रवार को सीएमपी डिग्री कॉलेज में ऑक्टा अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह के नेतृत्व में हुई ऑक्टा की सामान्य सभा में सदस्यों ने इस बात पर चिंता जताई कि इलाहाबाद डिग्री कॉलेज समेत तीन संघटक कॉलेजों में 15 वर्षों से अधिक समय से नियुक्ति न होने के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
साथ ही जिन संघटक महाविद्यालयों में नियुक्तियां हुईं थी, वहां भी कई विषयों के शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और ऐसे में वहां भी नियुक्तियां तत्काल शुरू कराए जाने की जरूरत है। जिन महाविद्यालयों में कार्यवाहक प्राचार्य हैं, वहां भी शीघ्र स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति किए जाने की मांग की गई ताकि महाविद्यालयों का विकास कार्य बाधित न हो। ऑक्टा महासिचव डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने संघटक कॉलेजों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति को भी प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों में नियुक्तियां रोके जाने की निंदा की गई और एमएचआरडी मंत्री से मांग की गई कि नियुक्तियां जल्द शुरू की जाएं।
सदस्यों ने कहा कि विभिन्न विभागों में विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षक महाविद्यालयों में शिक्षकों को शोध छात्र आवंटित करने को लेकर भेदभाव कर रहे हैं, जिसका ऑक्टा विरोध करेगी। साथ ही इस मामले में डीन सीडीसी से मिलकर हल निकालने की बात कही गई। इसके अलावा यूजीसी के नए रेगुलेशन के अनुसार महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पर प्रोन्नति की प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने की मांग भी उठी। कुछ सदस्यों ने प्रोन्नति के तीन वर्ष बाद भी 109 शिक्षकों को एरियर न मिलने के मुद्दे पर कड़े कदम उठाए जाने का सुझाव दिया। इन सभी मुद्दों पर इविवि प्रशासन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र भेजे जाने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में डॉ. रणधीर सिंह, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना पांडेय, डॉ. रामपाल गंगवार आदि मौजूद रहे।