संतकबीर नगर: शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का लगातार पर्दाफाश हो रहे
मामलों के तार संतकबीर नगर से जुड़ रहे हैं। अभी तक प्रदेश में पकड़े गए
दर्जनों फर्जी शिक्षकों के तार यहां के माफियाओं से जुड़े हैं। शासन स्तर से
जांच शुरू हो गई है। फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारी भी नप रहे हैं।
बीते दिनों संतकबीर नगर में दूसरे के नाम पर कार्य करने वाला एक शिक्षक जांच आरंभ होने पर डाक के माध्यम से इस्तीफा देकर भाग निकला है। इतना ही नहीं फर्जीवाड़े से संबंधित करीब ढाई सौ फाइलों को भी यहां के अधिकारी पचा गए हैं। सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक व कर्मचारी भर्ती में भी बड़ा खेल हुआ है। इस मामले की जांच से विभाग में हड़कंप है।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा को लेकर अक्सर ही चर्चाएं उठती रही हैं, इसके प्रमाण भी सामने आए हैं। दो वर्ष पूर्व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट में फर्जी स्थानांतरण आदेश पर आया लिपिक पहचान में आया था, उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था। नोएडा के संदीप कुमार सिंह के नाम पर बेलहर विकास खंड क्षेत्र में लगभग नौ वर्ष तक नौकरी करने के बाद आरोपित फरार हो गया। नाथनगर ब्लाक के रैनिया में बस्ती जिले में तैनात शिक्षक के नाम पर कार्य कर रहा शिक्षक भी डाक से इस्तीफा भेजकर गायब हो गया था। मेंहदावल के करमैनी में तैनात रहे अभिषेक त्रिपाठी के नाम पर देवरिया जिले में नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त हुआ था। एक के बाद एक करके फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आने के बाद एसटीएफ जांच से खुलासे की उम्मीद थी। जांच अभी पांच विश्वविद्यालयों के डिग्री धारकों पर ही केंद्रित दिख रही है। इसमें अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है।
बीएसए-संतकबीरनगर ने कहा कि सत्येंद्र कुमार सिंह विभागीय स्तर से जांच में हर संभव सहयोग किया जा रहा है। कहीं भी गड़बड़ी सामने आने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। शासन स्तर से मांगी जा रही सुचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराया जा रहा है।
बीते दिनों संतकबीर नगर में दूसरे के नाम पर कार्य करने वाला एक शिक्षक जांच आरंभ होने पर डाक के माध्यम से इस्तीफा देकर भाग निकला है। इतना ही नहीं फर्जीवाड़े से संबंधित करीब ढाई सौ फाइलों को भी यहां के अधिकारी पचा गए हैं। सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक व कर्मचारी भर्ती में भी बड़ा खेल हुआ है। इस मामले की जांच से विभाग में हड़कंप है।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा को लेकर अक्सर ही चर्चाएं उठती रही हैं, इसके प्रमाण भी सामने आए हैं। दो वर्ष पूर्व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट में फर्जी स्थानांतरण आदेश पर आया लिपिक पहचान में आया था, उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था। नोएडा के संदीप कुमार सिंह के नाम पर बेलहर विकास खंड क्षेत्र में लगभग नौ वर्ष तक नौकरी करने के बाद आरोपित फरार हो गया। नाथनगर ब्लाक के रैनिया में बस्ती जिले में तैनात शिक्षक के नाम पर कार्य कर रहा शिक्षक भी डाक से इस्तीफा भेजकर गायब हो गया था। मेंहदावल के करमैनी में तैनात रहे अभिषेक त्रिपाठी के नाम पर देवरिया जिले में नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त हुआ था। एक के बाद एक करके फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आने के बाद एसटीएफ जांच से खुलासे की उम्मीद थी। जांच अभी पांच विश्वविद्यालयों के डिग्री धारकों पर ही केंद्रित दिख रही है। इसमें अभी तक कोई नाम सामने नहीं आया है।
बीएसए-संतकबीरनगर ने कहा कि सत्येंद्र कुमार सिंह विभागीय स्तर से जांच में हर संभव सहयोग किया जा रहा है। कहीं भी गड़बड़ी सामने आने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। शासन स्तर से मांगी जा रही सुचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराया जा रहा है।