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हाई कोर्ट में पेश हुए यूपी बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, खंडपीठ ने लगाई फटकार

प्रयागराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने पर कड़ी फटकार लगाई और दाखिल हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना। कोर्ट ने प्रमुख सचिव 8 नवंबर को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी हाजिरी माफ ना कर अगली सुनवाई की तिथि 8 नवंबर को कोर्ट में दोबारा हाजिर होने का निर्देश दिया है।


कोर्ट ने याची अधिवक्ता प्रभाकर त्रिपाठी को सरकारी हलफनामे का जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश जस्टिस पी.के.एस. बघेल तथा जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने बांदा के सुशील त्रिवेदी की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से प्राइमरी अध्यापकों को सरकारी कार्यालय से सम्बद्ध करने से पढ़ाई को हो रहे नुकसान के बारे में जवाब मांगा था। इस मामले में स्वयं जवाब ना देकर बीएसए से जवाब दाखिल कराया गया, जिसे कोर्ट ने सही नहीं माना।

कोर्ट ने मांगा था व्यक्तिगत जवाब
सरकार की नीति पर संतोषजनक जवाब ना मिलने पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत जवाब मांगा था। समय दिए जाने के बावजूद जवाब नहीं आया तो कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और प्रमुख सचिव को जवाबी हलफनामे के साथ तलब करते हुए पूछा कि हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया गया।

कोर्ट में जवाब दाखिल ना करने का ट्रेंड चल रहा: न्यायालय
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता एके गोयल ने अपर मुख्य सचिव बेसिक का हलफनामा दाखिल किया, जिसे कोर्ट ने संतोषजनक नहीं माना। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि शासन में सचिवों द्वारा कोर्ट में जवाब ना दाखिल करने का ट्रेंड चल रहा है। अधिकारी सूचना के बावजूद हलफनामा दाखिल करने से बचते है। जिससे न्यायिक कार्यवाही में अनावश्यक अवरोध उत्पन्न होता है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में 8 नवंबर को हाजिर होकर हलफनामा पेश करने का आदेश दिया है। 

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