प्रदेश में नए शिक्षा भर्ती आयोग के गठन के बाद कई पुरानी भर्तियों को
रफ्तार मिलेगी। लेकिन, बेसिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के फंसने के
आसार फिर भी दिख रहे हैं। साल भर पहले घोषित 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती
में शासन की ओर से परीक्षा के बाद नियमों में बदलाव के चलते भर्ती
प्रक्रिया फंसी हुई है।
इस शिक्षक भर्ती में सरकार की ओर से सेवा से निकाले गए शिक्षामित्रों को
आवेदन करने का मौका दिया गया था। सरकार की ओर से 2018 में घोषित 68500
सहायक अध्यापक भर्ती के नियमों को बदलकर 2019 में नए नियम लागू कर दिए। नए
नियम के बाद शिक्षामित्रों को उस मेरिट तक पहुंचना कठिन लग रहा है। ऐसे में
भर्ती के बीच नियम बदले जाने के खिलाफ अभ्यर्थियों ने सरकार के निर्णय का
विरोध कर दिया। इस मामले में लगातार हीलाहवाली बरते जाने से नाराज
परीक्षार्थियों का कहना है कि कोर्ट में मामले सरकार अपना पक्ष नहीं रख रही
है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 2018 में टीईटी के बाद प्रदेश सरकार 2019 का टीईटी कराने जा रही है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया फंसी होने से अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। परीक्षार्थियों का कहना है कि 68500 शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में पद खाली हैं, अब 69 हजार शिक्षक भर्ती फंस जाने से प्रतियोगी छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि नए आयोग के गठन के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती फंस जाएगी।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 2018 में टीईटी के बाद प्रदेश सरकार 2019 का टीईटी कराने जा रही है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया फंसी होने से अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। परीक्षार्थियों का कहना है कि 68500 शिक्षक भर्ती में बड़ी संख्या में पद खाली हैं, अब 69 हजार शिक्षक भर्ती फंस जाने से प्रतियोगी छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि नए आयोग के गठन के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती फंस जाएगी।