साथियों वक्त नाजुक है चीजें असंतुलित हैं और कुछ परिश्थितियाँ ऐसी हैं कि हम सब मानसिक क्षोभ में हैं । चूंकि आप सबके प्रश्न अधिक हैं इसलिए कुछ चीजें तो बिंदुवार बता दे रहा हूँ ये पोस्ट केवल उनके लिए है जो मुझसे जानकारी की अपेक्षा रखते हैं बाकी जो व्यक्तिगत कुंठा पाले हुए हैं वो इग्नोर कर सकते हैं बजाय इसपर कटाक्ष या व्यंग करने के :-
1:- इरशाद सर का आना न आना आज 90 97 पैनल के वकीलों के द्वारा की गई प्रे पर होने वाले एक्शन से स्पष्ट हो जाएगा । उसके बाद वैधानिक और विधिक रूप से हम क्या कर सकते हैं इसपर नए सिरे से हम सबको विचार करना पड़ेगा ।शेष मुझे हमारे पैनल के वकीलों से जितनी उच्च अपेक्षाएं थी उसपर उनका खरा उतरना शेष है । मैं उनकी निजी क्षमता पर सन्देह न कर रहा हूँ पर अपने केस में हो रही लापरवाही के कारण निःसन्देह क्रुद्ध तो हूँ ही और न मैं उनका PA हूँ कि वकीलों के गुण गाउँ सबने पैसा दिया है तो केस पर काम करें येन केन प्रकारेण विजय दिलाएँ बात खत्म ।
2:- नए जज के सामने सुनवाई के मुद्दे पर शिक्षामित्रों की तीनों टीमों ने स्पष्ट किया है कि वे प्रथम वरीयता इरशाद सर की बेंच को देंगे बहुत ही अपरिहार्य कारणों में अगर ऐसा सम्भव न हुआ तो वह केस के नए सिरे से दोबारा बहस की मांग रखवाएँगे हमें इस चीज के लिए भी तैयार रहना होगा ।क्योंकि केस विधिक पेंचों में उलझाना हर वकील को आता है और किसी काम को उलझानाव फंसाना आसान होता है,अंजाम पर पहुँचाना थोड़ा कठिन और उन तीनों टीमों (शिक्षामित्रों की) में से किसी को हड़बड़ी नहीं है क्योंकि 10 हजार पा रहे हैं अपने मन की गा रहे हैं ।
3:- CM सर से मिलने की बेहतरीन कोशिश के लिए आज टीम सर्वेश को बधाई,सत्ता भाग रही है मुँह छिपा रही है लेकिन अगर हम सब (इसमें 69000 का हर एक अभ्यर्थी शामिल है) मिलकर ऐसी कोशिशें समय समय पर करते रहें तो कब तक भागेंगे कहीं न कहीं किसी न किसी जगह तो आमना सामना होगा फिर उनकी (सत्ताधारियों की) नजरें अपराधबोध से झुकी हुई होंगी और हम फक्र से अपनी बात रखेंगे क्योंकि सरकारी मानको को हमने पूर्ण किया है और सत्ता का दायित्व है कि वह अपने मानक की रक्षा करे ।इसमें जो साथी सहयोग करना चाहें अपने यहां के #सांसदो से #CM से मुलाकात के लिए उनके लेटर पैड पर एक पैरवी सम्बन्धी लेटर लिखवा कर टीम की मदद कर सकते हैं । मुख्यमंत्री से मुलाकात सम्बन्धी सिफारिशी पत्र में टीम के दो तीन सदस्यों का नाम जिन्हें आपको लगता है आपकी बात,भर्ती के हित की बात,बेहतर रख पाएंगे उनके नाम से ये लिखें कि इन प्रतिनिधियों की मुलाकात माननीय मुख्यमंत्री जी से कराई जाए और फिर उस लेटर पेड को आप मेल कर दें हमारी मेल ID पर या व्हाट्सएप्प कर दें तो उन पत्रों के जरिये भी हम सब CM सर से मिलने की कोशिश कर सकते हैं ।।
4:- निजी कटाक्ष के दिन लद गए हैं और उनसे फर्क भी न पड़ता है । साल बीतने को है । बहुत से साथियों से व्यक्तिगत जुड़ाव भी है और वो जिस उम्मीद से अपना सुख दुख साझा करते हैं उसके कारण ही सुझाव दे रहा हूँ दोस्त 69000 हम नहीं छोड़ेंगे आखिरी उम्मीद तक लड़ेंगे,हर वैचारिक मतभेद किनारे पर रखकर लड़ेंगे,पर आप इसमें किसी चमत्कार या जल्दबाजी की अपेक्षा न रखें आपको धैर्य रखना ही होगा इसका और कोई विकल्प नहीं है । आप निजी विद्यालयों में जॉब पकड़ लें अगर खुद को व्यस्त रखना है, घर में आर्थिक समस्या नहीं है तो अन्य परीक्षाओं की तैयारी में लगें मैं भी पढ़ने की कोशिश में लगा हूँ,नहीं पढ़ पाता कभी कभी लेकिन उठापठक और व्यंग के बीच कोशिश रहती है समेट कर खुद को समय दे पाएं आप सब भी यही करें इस समय समाज के हर ताने को अंगीकार करें क्योंकि जिस दिन नौकरी लगेगी उस दिन वही चेहरे दांत निकालकर बधाई देने में सबसे आगे मिलेंगे ।
5:- रही बात धरना प्रदर्शन और आंदोलन की मेरी जानकारी के अनुसार 31 जनवरी तक प्रदेश में धारा 144 लागू है विशेष तौर पर लखनऊ में हुए फसादों के कारण धरने की अनुमति मिलनी मुश्किल है फिर भी उक्त तिथि के बाद आवश्यक हुआ तो आप में से जो साथी साथ देंगे उनके साथ इको गार्डन में बैठेंगे वही पढ़ेंगे,वही लिखेंगे,वहीं से सरकार की नाक में दम करेंगे क्योंकि संघर्षों से भागना और सरकारों को पीठ दिखाना भारतीय छात्रों के संस्कारों में नहीं है ।।