उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया पर जब से स्टे लगा है, इसके बाद इस भर्ती पर केसों की बहार आ गई है। हर कोई कुछ याचियों के साथ में मिलकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)
या फिर लखनऊ बेंच (Lucknow Banch) में अपना वाद दायर कर दे रहा है। अपनी
मांग को पूरा कराने के लिए न्यायालय का सहारा लिया जाना कोई बुरा नहीं है,
लेकिन कहीं न कहीं भर्ती करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और सरकार दोनों ही
जिम्मेदार है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: रद्द नहीं होगी भर्ती, जानिए इसमें कितने हैं कानूनी दांवपेंच
उनकी लापरवाही व कुछ त्रुटियों की वजह से इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर 24 से अधिक केस हो चुके हैं। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers)
परीक्षा में शामिल हर अभ्यर्थी अपनी समस्या का समाधान के लिए न्यायालय में
पहुंचकर अर्जी लगा चुका है। यहां तक इस भर्ती (69000 Assistant Teachers)
में अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकरण (PNP) की तरफ से दिए गए 3
कॉमन प्रश्नों पर भी रिट डाल दी है। अजय कुमार श्रीवास्तव ने कॉमन प्रश्नों
को हटाए जाने को लेकर लखनऊ बेंच में SERS 9039/2020 याचिका दाखिल की है।
उनकी तरफ से याचिका दााखिल किए जाने के बाद अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर
यह भी सवाल किया है कि आखिर अब क्या कोई दूसरा मुद्दा बचा है क्या जिस पर
केस किया जा सके। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers)
को रद्द कराने से लेकर सीबीआई (CBI) जांच तक के लिए न्यायालय में अर्जी
लगाई गई है। इसकी कमान खुद सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने संभाल रखी है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को होगी शिक्षामित्रों से जुड़े मामलों की सुनवाई
उत्तर प्रदेश में
69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया
में काउंसलिंग के समय स्टे का ग्रहण लगने के बाद विवादों का साया लगातार
बढ़ता जा रहा है। सरका की तरफ भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उत्पन्न
हुई समस्या को न सुने जाने की वजह से अब सभी न्यायालय में अर्जी लगा रहे
हैं। हाईकोर्ट (Allahabad High Court)
में लगातार पड़ रही अर्जियां इस भर्ती को पूरा करने में बहुत बड़ी बाधा बन
रही है। हाईकोर्ट (High Court) में लगातार बढ़ती जा रही रिट के बीच में
भर्ती (69000 Assistant Teachers) को पूरा करना सरकार के लिए किसी चुनौती
से कम नहीं है।
अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शिक्षामित्रों के संबंध में कोई भी सुनवाई 14 जुलाई से पहले करने से मना कर दिया है। इस तरह से यह भर्ती प्रक्रिया 15 जुलाई तक नहीं होगी। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच (Lucknow Banch) में वादों की बाढ़ आ गई है। एमआरसी (MRC) , एनओसी (NOC) , भारांक, कम आरक्षण सहित अन्य मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट (High Court) में रिट दाखिल की है। 1 जून को जिला आबंटन की सूची जारी होने के बाद से अभ्यर्थियों ने कानूनी लड़ाई में भर्ती को पेचीदा बना दिया है। कानूनी लड़ाई में त्रुटि संशोधन और अर्हता (22 दिसम्बर 2018 के बाद बैकपेपर वाले करने वाले अभ्यर्थी) अभ्यर्थी के केस को हाईकोर्ट (High Court) खारिज कर चुका है। इसके अलावा कई अन्य केस पहले ही खारिज किए जा चुके हैं, इसके बाद भी लगातार बढ़ रही रिटे भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया को आसानी से पूरा होने के संकेत नहीं दे रही है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: संशोधन व एनओसी पर भी हाईकोर्ट ने दी अनुमति
इस शिक्षक भर्ती
(69000 Assistant Teachers) में एक सबसे बड़ी बात यह निकलकर आ रही है कि इस
भर्ती में अधिकारियों ने सब कुछ अपने ही मन से किया है। उन्होंने इस भर्ती
(69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में किसी की भी नहीं सुनी है।
अधिकारियों ने भी इस बार मानकों को ध्यान में नहीं रखा है, जिसकी वजह से अब
अधिकतर मामले कोर्ट में ही खिंच रहे हैं। सभी अपने न्याय की गुहार कोर्ट
(Superme Court & High Court) से लगा रहे हैं। 69 हजार शिक्षकों (69000
Assistant Teachers) भर्ती में पूर्व के मानकों की अनदेखी बेसिक शिक्षा
विभाग (Basic Education Department) के अधिकारियों ने की।
अधिकारियों की गलती की वजह से प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी परेशान है और इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक जा रहे हैं। इस भर्ती में पूर्व के नियमों के हिसाब से भर्ती (69000 Assistant Teachers) न किए जाने की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच (Lucknow Banch) में इस समय याचियों ने अपना मुकदमा दायर कर रखा है। मानकों की अनदेखी करके आई कटऑफ लिस्ट की वजह से अभ्यर्थियों में परिषद (Basic Education Department) के प्रति लगातार रोष बढ़ता जा रहा है।
मेरिट लिस्ट को जारी करने में जिस तरह की धांधली हुई है, उसको लेकर अभ्यर्थियों ने न्यायालय में रद्द करने की याचिका तक डाली है। आरक्षण के मुद्दे पर अनदेखी किए जाने की वजह से महिलाओं को आरक्षण (Women Reservation) का लाभ न देना, एमआरसी सिस्टम (MRC), दिव्यांगों को आरक्षण (Handicapped Reservation) कम देने को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कई मामलों में सुनवाई करके सरकार से कुछ सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
69000 शिक्षकों की
भर्ती (69000 Assistant Teachers) में डिवीजन बेंच से 156/2019 का जजमेंट
आने के बाद इसमें एक के बाद एक केस बढ़ते ही चले जा रहे हैं। उत्तर कुंजी
के विवाद को 3 जून को लखनऊ बेंच में जज आलोक माथुर ने पूरी भर्ती प्रक्रिया
पर ही स्टे दे दिया। हाईकोर्ट (High Court) की तरफ से स्टे दिया जाना इस
भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर ग्रहण के बारे हो गया। इस भर्ती
(69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में स्टे भले ही हट गया है, लेकिन
इसके बाद भी सरकार अब भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया को नहीं
करा पा रही है। इसकी वजह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से 37,339
सीटों को रिजर्व करने का आदेश देना है। आइए आपको बताते हैं कि इस भर्ती
प्रक्रिया में कुल कितने केस हैं।
1 - शिक्षामित्र कटऑफ (40 और 45 फीसदी पर नौकरी पाने के लिए) के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हैं।
2 - उत्तर कुंजी का विवाद (चार प्रश्नों में विवादित उत्तर दिए जाने की वजह से अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचें, भर्ती पर स्टे हुआ और अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।)
3 - त्रुटि संशोधन मुद्दा (सामूहिक याचिका खारिज होने के बाद, अपनी समस्या को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच रहे हैं।)
4 - जनरल ओबीसी मुद्दा यानि एमआरसी लागू पर विवाद
5 - ईडब्ल्यूएस मुद्दा (EWS)
6 - 20 प्रतिशत महिला आरक्षण का मुद्दा
7 - 4 प्रतिशत पीएच आरक्षण मुद्दा
8 - बीटीसी 2015 बैच बाहर करने की मांग
9 - कट-आफ डेट मुद्दा
10 - एनओसी मुद्दा
11 - बीटीसी को वेटेज दिए जाने की मांग
12 - ST की शेष बची सीटों को SC मे जोड़ने का मुद्दा (अमित कुमार ने याचिका दाखिल की है, SERS 9534/2020)
13 - तीन कामन नंबर डिलीट मुद्दा (अजय कुमार श्रीवास्तव डाली याचिका, SERS 9039/2020)
14 - परीक्षा रद्द & CBI जांच (अजय कुमार ओझा ने दायर की याचिका, SERS 9853/2020)
15 - OMR मुद्दा (कुछ भरने से भूलने का कारण)
16 - 22 हजार सीटों जोड़ने का मुद्दा
17- फर्जी अभ्यर्थियों की जांच कराने के संबंध में
18- अवैध भारांक (शिक्षामित्रों को 25 नंबर का अतिरिक्त भारांक दिए जाने पर)
19- सीटेट पास अभ्यर्थियों को बाहर करने का मुद्दा
20- अनुदेशक को भारांक का मुद्दा
21- 37339 शिक्षामित्रों के लिए पदों को सुरक्षित रखने का मुद्दा
22- बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कने का मुद्दा
23- कटऑफ लिस्ट को चैलेंज
24-आरक्षित वर्ग को मिल रही छूट को चुनौती
नोट: कुछ केस अभ्यर्थियों ने अपने बचाव में भी डाले हैं।
69 हजार शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को होगी शिक्षामित्रों से जुड़े मामलों की सुनवाई
भर्ती पर स्टे लगते ही शुरू हुआ विवाद
अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शिक्षामित्रों के संबंध में कोई भी सुनवाई 14 जुलाई से पहले करने से मना कर दिया है। इस तरह से यह भर्ती प्रक्रिया 15 जुलाई तक नहीं होगी। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच (Lucknow Banch) में वादों की बाढ़ आ गई है। एमआरसी (MRC) , एनओसी (NOC) , भारांक, कम आरक्षण सहित अन्य मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट (High Court) में रिट दाखिल की है। 1 जून को जिला आबंटन की सूची जारी होने के बाद से अभ्यर्थियों ने कानूनी लड़ाई में भर्ती को पेचीदा बना दिया है। कानूनी लड़ाई में त्रुटि संशोधन और अर्हता (22 दिसम्बर 2018 के बाद बैकपेपर वाले करने वाले अभ्यर्थी) अभ्यर्थी के केस को हाईकोर्ट (High Court) खारिज कर चुका है। इसके अलावा कई अन्य केस पहले ही खारिज किए जा चुके हैं, इसके बाद भी लगातार बढ़ रही रिटे भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया को आसानी से पूरा होने के संकेत नहीं दे रही है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: संशोधन व एनओसी पर भी हाईकोर्ट ने दी अनुमति
अधिकारियों ने अभ्यर्थियों की नहीं सुनी
अधिकारियों की गलती की वजह से प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी परेशान है और इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक जा रहे हैं। इस भर्ती में पूर्व के नियमों के हिसाब से भर्ती (69000 Assistant Teachers) न किए जाने की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच (Lucknow Banch) में इस समय याचियों ने अपना मुकदमा दायर कर रखा है। मानकों की अनदेखी करके आई कटऑफ लिस्ट की वजह से अभ्यर्थियों में परिषद (Basic Education Department) के प्रति लगातार रोष बढ़ता जा रहा है।
मेरिट लिस्ट को जारी करने में जिस तरह की धांधली हुई है, उसको लेकर अभ्यर्थियों ने न्यायालय में रद्द करने की याचिका तक डाली है। आरक्षण के मुद्दे पर अनदेखी किए जाने की वजह से महिलाओं को आरक्षण (Women Reservation) का लाभ न देना, एमआरसी सिस्टम (MRC), दिव्यांगों को आरक्षण (Handicapped Reservation) कम देने को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कई मामलों में सुनवाई करके सरकार से कुछ सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
69 हजार शिक्षक भर्ती: ननहू यादव के तीन बच्चे सुपर टेट में रहे अव्वल, अब उठ रहे सवाल
इस भर्ती में कौन-कौन से चल रहे हैं केस
69 हजार शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने कहा शिक्षामित्रों के 37,339 पदों को कतई न छेड़े सरकार
2 - उत्तर कुंजी का विवाद (चार प्रश्नों में विवादित उत्तर दिए जाने की वजह से अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचें, भर्ती पर स्टे हुआ और अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।)
3 - त्रुटि संशोधन मुद्दा (सामूहिक याचिका खारिज होने के बाद, अपनी समस्या को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच रहे हैं।)
4 - जनरल ओबीसी मुद्दा यानि एमआरसी लागू पर विवाद
5 - ईडब्ल्यूएस मुद्दा (EWS)
6 - 20 प्रतिशत महिला आरक्षण का मुद्दा
7 - 4 प्रतिशत पीएच आरक्षण मुद्दा
8 - बीटीसी 2015 बैच बाहर करने की मांग
9 - कट-आफ डेट मुद्दा
10 - एनओसी मुद्दा
11 - बीटीसी को वेटेज दिए जाने की मांग
12 - ST की शेष बची सीटों को SC मे जोड़ने का मुद्दा (अमित कुमार ने याचिका दाखिल की है, SERS 9534/2020)
13 - तीन कामन नंबर डिलीट मुद्दा (अजय कुमार श्रीवास्तव डाली याचिका, SERS 9039/2020)
14 - परीक्षा रद्द & CBI जांच (अजय कुमार ओझा ने दायर की याचिका, SERS 9853/2020)
15 - OMR मुद्दा (कुछ भरने से भूलने का कारण)
16 - 22 हजार सीटों जोड़ने का मुद्दा
17- फर्जी अभ्यर्थियों की जांच कराने के संबंध में
18- अवैध भारांक (शिक्षामित्रों को 25 नंबर का अतिरिक्त भारांक दिए जाने पर)
19- सीटेट पास अभ्यर्थियों को बाहर करने का मुद्दा
20- अनुदेशक को भारांक का मुद्दा
21- 37339 शिक्षामित्रों के लिए पदों को सुरक्षित रखने का मुद्दा
22- बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कने का मुद्दा
23- कटऑफ लिस्ट को चैलेंज
24-आरक्षित वर्ग को मिल रही छूट को चुनौती
नोट: कुछ केस अभ्यर्थियों ने अपने बचाव में भी डाले हैं।