लखनऊ: उत्तर प्रदेश 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में
फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए दो अभ्यर्थियों अजय कुमार ओझा और उदयभान
चौधरी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में रिट याचिका दायर की है.
याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि याचिका में कहा गया
है कि 06 जनवरी 2019 को यह परीक्षा संपन्न होने के बाद से इसमें हुई धांधली
को लेकर अनेकों मुकदमे दर्ज हुए हैं.
उन्होंने कहा, ''इनमें परीक्षा के दिन यानी 06 जनवरी 2019 को ही पेपर लीक के संबंध में एक मुकदमा एसटीएफ द्वारा लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज की गई है. प्रयागराज के नैनी व कर्नलगंज तथा मिर्जापुर के महिला थानों में केंद्र अधीक्षकों द्वारा भी लिखित परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के संबंध में मुकदमें दर्ज कराए गए हैं. इसके अलावा 04 जून 2020 को सोरांव, प्रयागराज में परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसकी विवेचना एसटीएफ को दी गई है.''
याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि याचिका में व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने के कारण परीक्षा को निरस्त करने तथा एसटीएफ पर सरकार के दवाब में काम करने के आधार पर सीबीआई जांच कराए जाने की प्रार्थना की गई है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से यह भर्ती परीक्षा निरस्त करने की अपील की है.
उन्होंने कहा, ''इनमें परीक्षा के दिन यानी 06 जनवरी 2019 को ही पेपर लीक के संबंध में एक मुकदमा एसटीएफ द्वारा लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज की गई है. प्रयागराज के नैनी व कर्नलगंज तथा मिर्जापुर के महिला थानों में केंद्र अधीक्षकों द्वारा भी लिखित परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के संबंध में मुकदमें दर्ज कराए गए हैं. इसके अलावा 04 जून 2020 को सोरांव, प्रयागराज में परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसकी विवेचना एसटीएफ को दी गई है.''
याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि याचिका में व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने के कारण परीक्षा को निरस्त करने तथा एसटीएफ पर सरकार के दवाब में काम करने के आधार पर सीबीआई जांच कराए जाने की प्रार्थना की गई है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से यह भर्ती परीक्षा निरस्त करने की अपील की है.